ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Thursday, September 13, 2012
तुम पागल हो
कितना कुछ कहना था
कब से रुका हुआ था
अंदर दबा हुआ सा था
मन पे एक बोझा था
अकेले सहना मुश्किल था .
अब.....
सब बह गया है..
उतर गया है सब.
पाँव ज़मीन पे नहीं रहते
दिल उड़ने को करता है
तुमसे मिलने को करता है
सब कुछ तुम्हें दे कर
तुम्हें पा लेने को करता है
अजीब सा हो गया है कुछ
हर घडी न जाने क्या-क्या
ये जी करता है .
कुछ समझ नही आ रहा
किस राह जाने की
तैयारी है इसकी .
जुडना...
तुम्हारे हर सुख ...हर दुःख से
सुनना ...
बातें तुम्हारी कही-अनकही सी
रहना...
तुम्हारे ख़्वाब और ख्यालों में
चाहना...
तुम्हारा प्यार...तुम्हारा विश्वास
मांगना...
तुम्हारा साथ दिन रात
सच कहूँ ,तो.......
रास आ रहा है ये पागलपन मुझे
कि तुम्हारे मुंह से
"तुम पागल हो "सुनना अच्छा लगता है
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sunder
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत अहसास...
ReplyDeleteआभार!!
Deleteसुंदर भाव
ReplyDeleteशुक्रिया!!
Deleteबहुत बेहतरीन सुंदर भाव की रचना,,,
ReplyDeleteRECENT POST -मेरे सपनो का भारत
प्रेम प्रेम ...हर रचना एक समर्पण है,मनुहार है,रूठना मनाना है
ReplyDeleteआपने सही कहा
Deleteमासूमियत का भाव लिए ... प्रेम की चुहल को भोले पण से अभिव्यक्त किया है ..
ReplyDeleteबात आप तक पहुंची....नवाजिश .
Deleteभाषा सरल,सहज यह कविता,
ReplyDeleteभावाव्यक्ति है अति सुन्दर।
यह सच है सबके यौवन में,
ऐसी कविता सबके अन्दर।
बहुत खूबसूरती से आपने अपनी पसंद ज़ाहिर की....आभार!
Deleteकोई ऐसा राजदार मिल जाय..तो क्या कहना..!!
ReplyDeleteइक-इक शब्द प्रगाढ़ता के रस में डूबा हुआ..!!
बेहद खूबसूरत..!!
हम्म...खुशनसीब होते हैं वो लोग जिनके पास ऐसे राजदार होते हैं
Deleteसुन्दर...सुन्दर...सुन्दर....!!
ReplyDeleteथैंक्स...थैंक्स...थैंक्स!
Deleteक्या उल्टा हो तो ज्यादा अच्छा नहीं होगा-- सुनने की जगह अगर कहने को मिल जाये "तुम पागल हो"?
ReplyDeleteमझे कहना -सुनना दोनों चाहिए...लालची हूँ न.
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