ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Saturday, January 19, 2013
झरने को अभिशप्त
ये हरसिंगार के फूल
जब -जब झरते हैं
नारंगी और सफ़ेद
दोनों रंग इनके
मुझपे नशा बन चढ़ते हैं
नारंगी ..
आग सा ..दहकता
तुम्हारी याद दिलाता है
तुम और तुम्हारा प्यार
आँखों के आगे आ जाता है
सफ़ेद..
शांत सी पंखुरियाँ
मेरी लाज की बेडियाँ
ढेरों अनकही बतियाँ
न जाने कितनी मजबूरियां
मेरी जनी ..हमारी दूरियां
हर रोज रात के ..
उस घुप्प अँधेरे में
फूलता है,महकता है..
ज़िंदा होता है हमारा साथ.
सवेरा होते ही
हो जाता है हकीकत से रूबरू
झरने को अभिशप्त ....
हरसिंगार सा हमारा प्यार.
(प्रकाशित)
Sunday, January 13, 2013
अच्छा है न
अच्छा है न
पहुँच तो गयी...तुम्हारी चिट्ठी
फटे हुए किनारे लेकर भी.
फीकी बेरंग हुई स्याही
पीले पड़े कागज़ की पाती.
सालों बाद भी.
उस कागज़ पर ...
तुम्हारे स्पर्श को स्पर्श कर के
मैं तो फिर जवां हो गयी .
मैंने शुक्राने की नमाज़ अदा कर दी.
हमारा प्यार जैसा था..वैसा ही है
हमेशा रहेगा ,यकीन हो चला है.
अच्छा है न कि
मेरी खबर देने वाला
एक कोने से कटा पोस्टकार्ड
तुम तक पहुंचता
उससे पहले
यह मुझ तक पहुँच गयी .
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