ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Wednesday, May 7, 2014
हम दोनों ही खुश हैं
तुम बेहद उदास हो जाती हो
मेरी उदासी को लेकर
मैं होती उदास
तुम्हारी इस उदासी पर
और यों..
हम दोनों ही खुश हैं..
Saturday, March 15, 2014
withdrawl symptoms
बेवजह तुमसे बात करना कम कर देती हूँ
दिन में सो लेती हूँ रात भर जागती हूँ
तनहा सारी सारी रात तुम्हें सोचती हूँ
मन कहता है तुम्हारे जाने तक अपना मूड ठीक रखूँ
जिससे तुम खुश रहो
मेरी वजह से अपना तय प्रोग्राम न खराब करो
पर,पता नहीं क्यूँ
ऐन उसी वक़्त तुमसे लड़ लेती हूँ
और उसे जस्टीफाई भी कर लेती हूँ
कि चलो इस लड़ाई पे आये गुस्से से
मुझे याद करते रहोगे हर पल.
hallucination होने लगा है
तू हर ओर दिखने लगा है
भूख बंद ...प्यास ख़त्म
जीने की सब वजह ख़त्म
मेरी लत बन गए हो तुम
तुम्हारे दूर जाने की बात भर से
सब उलट पुलट होने लगता है
दिल की धड़कन हो या मेरा मूड .
जाने की बात ...
तेरे दूर होने का ख्याल आते ही
withdrawl symptoms शुरू हो जाते हैं .
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होली ,होली नहीं है
तेरे प्यार का रंग इतना पक्का
कि उससे पहले के चढ़े सारे रंग
उस एक रंग के आगे फीके पड़े
आगे कोई रंग चढ़ने की
ज़रा सी गुंजाइश नहीं
छुड़ाना चाहा ..छूटना चाहा
पर चाहने से ही सब हो जाता
तो दुनिया मेरी क्या से क्या होती
होली के रंगों को देख कर
बीता गुज़रा न जाने क्या-क्या याद आता है
तुझे ओढना ... तुझे लपेट लेना
तुझे छूना ...तेरा हो जाना
तुम्हारे रंग में डूब
तुम्हारे नशे में चूर
केवल इस तरह आता है
होली खेलना मुझे
होली रंगीन तभी है
जब तू आस पास कहीं है
और गर तेरी कमी है तो ..
होली ,होली नहीं है
Sunday, March 9, 2014
उम्रक़ैद
तुमने हमेशा कहा
किसी को तुम अपने करीब नहीं आने देते
इस सब के बावजूद
तुम्हारे जीवन में मैं आयी
तुमसे बिन पूछे
जबरन तुम्हारे दिल में जगह भी बनायी.
इधर कुछ दिनों से लगता है कि
हर एक बात पर
तुम मुझे एक तख्ती दिखा देते हो
कि
घुसपैठियों का प्रवेश मना है
और यह धृष्टता मैंने करी है
तो इसकी सज़ा लाजमी है
तुम बता दो कि
सज़ा मेरी क्या होगी
मुझे जाना होगा
तुम्हारे दिल को छोड़
अपनी दुनिया में वापस
या फिर तेरे दिल में ही रहने की
उम्र क़ैद मुझे मयस्सर होगी.
किसी को तुम अपने करीब नहीं आने देते
इस सब के बावजूद
तुम्हारे जीवन में मैं आयी
तुमसे बिन पूछे
जबरन तुम्हारे दिल में जगह भी बनायी.
इधर कुछ दिनों से लगता है कि
हर एक बात पर
तुम मुझे एक तख्ती दिखा देते हो
कि
घुसपैठियों का प्रवेश मना है
और यह धृष्टता मैंने करी है
तो इसकी सज़ा लाजमी है
तुम बता दो कि
सज़ा मेरी क्या होगी
मुझे जाना होगा
तुम्हारे दिल को छोड़
अपनी दुनिया में वापस
या फिर तेरे दिल में ही रहने की
उम्र क़ैद मुझे मयस्सर होगी.
Friday, February 14, 2014
ऐसा नहीं हो सकता क्या
सुनो न
मैंने मान लिया
बहुत खराब हूँ मैं
तुम्हें परेशान करता हूँ
दुःख भी देता रहता हूँ
पर इस सब के बाद भी
यकीं जानो ..
तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.
ऐसा नहीं हो सकता क्या
कि मेरी सारी कमियाँ
सब गलतियां
तुम बुहार दो..
छिपा दो ..
उस कालीन के नीचे
जिस पर लिखा है
आई लव यू .
Tuesday, February 11, 2014
बसंत का मौसम
मिलना
बिछड़ जाना
ज़िन्दगी में सब बदल जाना।
मौसम आये ...गुज़रते रहे सालों साल
पर जो नहीं बदला
वो तेरा मेरा हाल
कुछ है कि पीले पत्तों से लिपटा पतझड़
तेरे ज़र्द चेहरे पर ठहर गया है
और वो गीला सा सावन
मेरी आँखों में रुक गया है
चलो,
इन दोनों मौसमों को विदा कर दें
मिलें हम दोबारा
बसंत हमारा इंतज़ार कर रहा है
न जाने कब से
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