Tuesday, July 31, 2012

जी भर के जी लेते हैं



चलो,
आज मिल के
जी भर के
शराब पीते हैं.
जैसे है ....
जो हैं ...
"खुद " को जीते हैं .

मनाते हैं जश्न
हरेक बात का
तेरे मेरे साथ का .
होते हैं मदहोश
खोते हैं होश
कर लेते हैं
वो सब
जो यूँ नहीं मुमकिन .
सारी नैतिकताएं
सारी वर्जनाएं
तोड़ देते हैं .

मेरे कदम बहकने दे
जले हलक तो जलने दे
मुझे उसी राह पे चलने दे
जहां सारे रास्ते
तुझ तक हैं पहुंचाते .

आओ ना ...
आज जी भर के जी लेते हैं.

Saturday, July 28, 2012

मज़ेदार..



मज़ेदार होता है न प्यार....
पता है....
पहले मैं अकेले तनहा हुआ करती थी
जबसे मोहब्बत हुई है मुझको
तुम्हारा प्यार, एहसास होता है पास
और इसके साथ होने पर भी
मैं अकेले ही अकेले हुई जाती हूँ.
अजीब है न प्रेम ?!
समझ नहीं आता इसका सर पैर कुछ
अच्छे खासे इंसान को एकलखुरा बना देता है .

अब तन्हाई की आदत हो गयी है
महफ़िल में मन नहीं रमता
कुछ भी तेरे बिन
न जाने क्यूँ अच्छा नहीं लगता .

Tuesday, July 24, 2012

क्या.....




बेजान चीज़ों को
जला कर
तोड़ कर
धो कर
फाड़ कर
फेंक कर
तुमने सोचा होगा
कि चलो,पीछा छुडा लोगे ,मुझसे .
सच कहना
कि क्या .........
जला पाओगे?
तोड़ पाओगे ?
मिटा पाओगे?
धो पाओगे?
फाड़ पाओगे ?
फेंक पाओगे?

मेरा अक्स ...
अपने दिल से
अपने ख़्वाबों से
अपनी सुबहों से
अपनी आँखों से
अपनी यादों से
अपनी बातों से
अपनी रातों से
अपने"वजूद" से .

तुम्हें अभी तक दरअसल पता ही नहीं चला है
कि फर्क नहीं है कोई "मैं" और "तुम" में
जब तक तुम हो
मैं रहूंगी तुम में .

Thursday, July 19, 2012

इग्नोर करना



इग्नोर करना भी अच्छा होता है...

कभी न कभी इससे ..

मैं भी सीख जाउंगी

तुम्हारे प्रति उदासीन होना .

तुम्हारा मुझे इग्नोर करना मुझे सिखा देगा

कि कैसे तुमसे नफरत और प्यार किये बगैर

ज़िंदा रहा जा सकता है .

तेरी फ़िक्र,परवाह किये बगैर

खाना मेरा पच सकता है .

तेरे प्यार ,तेरी डांट,तेरे ख्याल के बगैर

सब नोर्मल रह सकता है .

रुको...

सुन तो लो

तुम्हारे इग्नोर करने का"शुक्रिया"

Monday, July 16, 2012

नज़र बट्टू



तेरे वादों से गुंथा
एक धागा है
जिसमें...
मैंने तेरे इंतज़ार के मनके पिरोये हैं.
प्रेम की एक माला तैयार की है.
पहने रहती हूँ ,उसे ....सदा.

उसमें एक लोकेट है
जो मेरे दिल के करीब रहता है
तेरी तस्वीर रख छोडी है,उसमें .
मेरे नज़र बट्टू हो तुम
अब किसी की नज़र
मुझपे असर नहीं करती.

Friday, July 13, 2012

अजब प्यार



खुद ब खुद आ जाता है
बिन बुलाए ...
बिन खटखटाए ..
बिन कहे ...
बिन सुने ...
आना ही धर्म है जिसका
छा जाना ही कर्म है जिसका

अजब बदतमीज़ होता है न प्यार .

Wednesday, July 11, 2012

कमबख्त प्यार




वो जो एक अजीब सी बेचैनी है न
इस कमबख्त प्यार में
जो न कायदे से जीने देती है न मरने....
वही शायद रास आती है,मुझे
लगता है कुछ अटक सा गया है हलक में
जो यह निकला तो जान लेकर निकलेगा .
इसी जीने मरने के बीच की कवायद में
मेरा इश्क से इश्क गहराता जाता है
गले में कोई फंदा सा है
जो कसता चला जाता है .

मज़े की बात यह है
कि जब ऐसा नहीं होता
तो कुछ भी अच्छा नहीं लगता.

Monday, July 9, 2012

डिम्पल



जो डिम्पल है न ..
उसके गालों में...
उसके हँसते ही
वो भी खिल-खिल जाते हैं .
जब वो हंसता है
तो बहुत खूबसूरत लगता है
मेरा बहुत बार मन करता है
कि उन भंवर में फंस जाऊं
गड्ढों में डूब जाऊं
और खुशी खुशी
खुदकुशी कर लूँ .
अगर ,वो यूँ ही सदा
मुस्कुराने का वादा कर ले .

Friday, July 6, 2012

बेतरतीबी




अधिकतर लोग
कोई काम कायदे से नहीं कर सकते
जाना है ...चले जाएँ
पर जब जाएँ तो पूरी तरह
यह नहीं कि
अपना कुछ
कभी कहीं
इधर-उधर
छोड़ जाएँ.

इस तरह की बेतरतीबी
मुझे सख्त नापसंद है
औरों को क्या कहूँ
तुम खुद को ही ले लो
जाने को तुम चले गए
पर छोड़ गए
अपना कितना कुछ
मेरे भीतर ..
तुम्हें पता है या नहीं
वो अब भी सांस लेते है
जीते है ,मेरे अंदर .

कायदे से मिलना तो दूर की बात
तुम्हें तो ठीक से
बिछडना भी नहीं आया.

सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

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