ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Friday, February 14, 2014
ऐसा नहीं हो सकता क्या
सुनो न
मैंने मान लिया
बहुत खराब हूँ मैं
तुम्हें परेशान करता हूँ
दुःख भी देता रहता हूँ
पर इस सब के बाद भी
यकीं जानो ..
तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.
ऐसा नहीं हो सकता क्या
कि मेरी सारी कमियाँ
सब गलतियां
तुम बुहार दो..
छिपा दो ..
उस कालीन के नीचे
जिस पर लिखा है
आई लव यू .
Tuesday, February 11, 2014
बसंत का मौसम
मिलना
बिछड़ जाना
ज़िन्दगी में सब बदल जाना।
मौसम आये ...गुज़रते रहे सालों साल
पर जो नहीं बदला
वो तेरा मेरा हाल
कुछ है कि पीले पत्तों से लिपटा पतझड़
तेरे ज़र्द चेहरे पर ठहर गया है
और वो गीला सा सावन
मेरी आँखों में रुक गया है
चलो,
इन दोनों मौसमों को विदा कर दें
मिलें हम दोबारा
बसंत हमारा इंतज़ार कर रहा है
न जाने कब से
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