Tuesday, November 1, 2011

सूजी आँखें



आज रात भर ...........
जम कर बरसेंगे बादल
तुम ,
मानो या न मानो
पर.......
मेरी इन बेमौसम बरसातों से
तुम्हारा.....
रिश्ता पुराना है .
कसम है... मुझे ,तुम्हारी
जो मेरी इन लाल ,सूजी हुई आँखों में
सिवा तेरे नाम के कोई और नाम हो तो .

24 comments:

  1. शुक्रिया.....रतन सिंह जी .

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  2. सुषमा......शेर???

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  3. सिर्फ तुम्हारे लिए

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  4. रश्मिप्रभा जी ....हार्दिक धन्यवाद !!

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  5. सुन्दर भावाभिव्यक्ति ..बस तुम ही तुम हो ..

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  6. सूर्यकांत जी...आभार !!

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  7. संगीता जी....कुछ लोगों से वाकई बरसातों का रिश्ता होता है

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  8. इस बरसात का अंदाज़ होगा सबसे जुदा......

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  9. कुमार.....हाँ इन बरसातों का...अंदाज़ जुदा होता है....तब होती हैं...जब दर्द का बादल जवां होता है

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  10. निधि ,
    आँखों से नमी का रिश्ता उतना ही पुराना है जितना दिल से दर्द का

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  11. तूलिका ....ये रिश्ते हमेशा से हैं...और हमेशा रहेंगे .

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  12. सुंदर चित्र - सुन्दर कविता !

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  13. संजय जी...आपको चित्र एवं कविता अच्छी लगी...इसके लिए धन्यवाद !

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  14. वो आँखों से बरसेंगे बादल.....बेमौसम बरसातों की तरह ...क्यों रिश्ता जो है उनसे ...सामाजिक या जो भी हो ....जो इस बरसातों और लाल ,सूजी हुई आँखों का कारण भी है ...फिर भी कसम से ये केहना सिवा उनके नाम, वोही आँखों में कोई और नाम नहीं है .......वो चाहे माने या न माने. एक गाना याद आ रहा है " खुश रहो,हर खुशी हैं तुम्हारे लिए , छोड़ दो आँसूं को हमारे लिए ...मेरे होते ना खुद को परेशान करो ....दे दो कांटे हमें फूल ले लो सभी ..." कुछ ऐसा मनो मंथन ....सूजी हुई आँखें सब बयां करती है ....रिश्ता , दर्द , विश्वास ..प्रेम ......मानलो एक घडी , अगर ये न होता तो बेमौसम बरसात ही क्यों होती ?

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  15. वाह निधि जी, आँखों में सूजन के बाद भी कसम और उसको निभाने का बेहतरीन अंदाज़...
    बधाई आपको...

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  16. नयंक जी....आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया ...इन बेमौसम बरसातों का दर्द से गहरा रिश्ता है..

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  17. थैंक्स.......विनय जी..!प्यार हो..तो,उसे निभाने के अलावा कोई दूसरा चारा भी तो नहीं होता

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  18. वाह निधि, प्यार, आँखें, बरसात और आखों की सूजन, सब गुंथे हुए है एक साथ......एक सहज और सरल अभिव्यक्ति पर दिल में उतर जाने वाली........

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  19. शुक्रिया...अंजू!!प्यार बहुत खूबसूरत है..एक लाजवाब एहसास...पर,राह बड़ी कठिन है...खुशियाँ कम ..गम अधिक हैं...मुस्कान हैं पर आंसू भी कम नहीं...खिलखिलाती धूप की अपेक्षा बरसातें ज्यादा हैं....तभी न प्रेम दुश्वार है...निभाना कठिन है

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  20. खूबसूरत दर्द..!!!

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  21. दर्द और खूबसूरत ???

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टिप्पणिओं के इंतज़ार में ..................

सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

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