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Wednesday, June 20, 2012

मूड अनुसार



मेरा मन होता है कि
तुमसे मिलने का ,इश्क करने का
यह फैसला,
हम दोनों ...
अपने घर की दीवार पे टंगे
इस कैलेण्डर को देख कर
न तय करें .
महीना,तारीख ,मौसम
ये कौन हैं हमारे बीच में आने वाले .
तेरा मेरा मिलना...
"हम"तय करेंगे
अपने मूड के अनुसार .
डायरियां ,कैलेण्डर जैसी चीज़ों को
अपने से परे रख कर .

आओ ना..
तुमसे मिलने का मन है
आज तुम्हें प्यार करने को
जी चाहता है ...बहुत .

(प्रकाशित)

Tuesday, November 1, 2011

सूजी आँखें



आज रात भर ...........
जम कर बरसेंगे बादल
तुम ,
मानो या न मानो
पर.......
मेरी इन बेमौसम बरसातों से
तुम्हारा.....
रिश्ता पुराना है .
कसम है... मुझे ,तुम्हारी
जो मेरी इन लाल ,सूजी हुई आँखों में
सिवा तेरे नाम के कोई और नाम हो तो .

सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

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