ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Monday, November 7, 2011
बातें जो खत्म नहीं होतीं
आओ ...
एक बार फिर....
सारी रात गुज़ारे ...साथ -साथ
वक्त गुजरने का पता न चले..
ओस की बूंदों से अंजुरी भरें
भोर की पहली किरण हँसे
और कहे...
अभी भी जाग रहे हो...तुम दोनों
सोना नहीं है क्या ?
ऐसी कौन सी बातें हैं
जो कभी खत्म ही नहीं होती .
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ऐसी रातें और ऐसी बातें कभी खत्म नहीं होतीं.......
ReplyDeleteआमीन .........प्रियंका !!
ReplyDeletebahut sundar khyaal
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी एवं एक ख़ास एहसास से लैस रचना के लिए दिल से बधाई निधि जी !!!
ReplyDeleteबेहतरीन भावों को शब्दबद्ध किया है आपने !
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है,कृपया अपने महत्त्वपूर्ण विचारों से अवगत कराएँ ।
http://poetry-kavita.blogspot.com/2011/11/blog-post_06.html
komal ...sunder ehsaas ....
ReplyDeleteचलो न एक बार फिर .............
ReplyDeleteरात अभी बाकी है. बेहतरीन अभिव्यक्ति और अत्यंत संवेदनशील प्रस्तुति.
ReplyDeleteबधाई.
बड़ी ही प्यारी बातें..वो जो रातों में खत्म नहीं होती..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.
वंदना............थैंक्स!!
ReplyDeleteसंजय जी.....शुक्रिया....रचना को पसंद करने के लिए .
ReplyDeleteHuman........आभार !!
ReplyDeleteअनुपमा ....ब्लॉग पर आने और रचना को सराहने हेतु धन्यवाद!
ReplyDeleteरश्मिप्रभा जी ....यह सिलसिला यूँ ही चलता रहा ...
ReplyDeleteरचना...पढ़ने,सराहने ..टिप्पणी करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया !!
ReplyDeleteसंतोष जी.....छोटी सी रातें..लंबी बातें...........
ReplyDeletemam baten kabhi khatam nahi hoti....
ReplyDeletejai hind jai bharat
sajan...हाँ,यह तो सच है कि ...बातें कभी खतम नहीं होती
ReplyDeleteअब किसी को टोकते हुए खुद पर हंसी आती है कि इतनी बातें कहाँ से उपजती थी हमें भी!
ReplyDeleteवाणी जी....मत टोकिए...चलने दीजिए ये बातों के सिलसिले...यूँ ही...
ReplyDeleteभोर की पहली किरण हँसे
ReplyDeleteऔर कहे...
अभी भी जाग रहे हो...तुम दोनों
सोना नहीं है क्या ?
ऐसी कौन सी बातें हैं
जो कभी खत्म ही नहीं होती . ....
सबसे पहली प्रतिक्रिया वाह !
निधि जी पहले मुस्कराहट आयी होंठो पर फिर आंसू आ ही गए ....
सीधे अंदर उतरती हुई रचना !
तहे दिल से शुक्रिया...आनंद जी .
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