Wednesday, February 1, 2012

बेशकीमती




वो सारे पल ..जो तेरे साथ गुज़रे ...
बेशकीमती हैं ,मेरे लिए.
मेरे यह कहते ही ..तुम्हारा पूछना ...ऐसा क्यूँ ,भला ???

जान मेरी....
तुम्हें पता तो है
जब बिछडेंगे ..हम-तुम
तब,
ये ही तो ..
हमें जीने की ताकत देंगे
इनके ही सहारे
हम सारी ज़िंदगी काटेंगे
इन लम्हों की खुशनुमा यादें
ताउम्र...आँखों से मोती चुरा
लबों पे तबस्सुम सजाएंगी
कितने भी दूर हों हम
एक दूसरे के करीब ले आयेंगी

46 comments:

  1. सही कहा बेशकीमती होती हैं यादें... खूबसूरत अहसास...

    ReplyDelete
    Replies
    1. अनमोल यादें..................

      Delete
  2. लबों पे तबस्सुम सजाएंगी
    कितने भी दूर हों हम
    एक दूसरे के करीब ले आयेंगी

    .....बहुत ही खूबसूरत भावभूमि पर लिखी गयी एक बहुत ही कोमल रचना ! बधाई स्वीकार करें !

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया...पसंद करने के लिए.

      Delete
  3. आपकी कवितायेँ पढ़ कर लगता है कि पढ़ते ही रहें शानदार प्रस्तुती....निधि जी

    ReplyDelete
    Replies
    1. अगर ऐसा है, तो...धन्यवाद

      Delete
  4. उतनी ही बेशकीमती ये अभिवयक्ति है.........

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद!!

      Delete
  5. निधि जी!!!जब प्रेम में बिछुड़ने का भाव आ जाए तो फिर वह प्रेम-प्रेम नहीं रहता...महज एक छलावा या धोखा ही होता है और आज आपकी कविता में कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है...प्रेमी या प्रेमिका यादों का जाल इस लिए बुन रहें हैं कि कल उन्हें बिछुड़ना है...यहां एक ओर निराशावादी दृष्टिकोण है,दूसरी ओर प्रेम की निश्चित नियति बिछोह स्वीकार कर लिया गया है। इसी कारण प्रेम बदनाम भी होता है।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपसे कुछ बातों में सहमत हूँ...कुछ में नहीं.प्रेम में भाव भले न बिछड़े पर शरीर का विछोह होता है...दूरी होती है.कई बार परिस्थितियाँ ऎसी होती हैं कि पता होता है कि बिछडना है.एक सैनिक ..को अगर सीमाओं पर जाना है तो उसके जाने की तारीख तय है...पर,हाँ ...वो और उसकी प्रेमिका ...उन पलों को भरपूर जी लेना चाहते हैं जब वो साथ हैं....क्यूंकि यही ..उन्हें आगे मुस्कुराने की वजह देंगे .प्रेम के बदनाम होने की बात आपने क्यों कही ...मुझे समझ नहीं आया .यादों का जाल ...जिस कारण से आपने समझा उसी लिए बुना जा रहा है.

      Delete
  6. मेरी टिप्पणी पुन: स्पैम के हवाले...

    ReplyDelete
    Replies
    1. मुक्त करती हूँ .......

      Delete
  7. यादें ही तो हमेशा साथ होती हैं तो ज़रूरी है इन बेशकीमती यादों को सहेजना !

    ReplyDelete
    Replies
    1. यादें उन खास पलों की ..जो खास लोगों से ,जुडी होती हैं वो हमेशा करीने से ...दिल दिमाग में सहेज ली जाती है

      Delete
  8. वाह खूबसूरत यादो का सफर

    ReplyDelete
    Replies
    1. यूँ ही चलता रहे...साँसों के सफर के साथ खत्म हो अब ये सफर

      Delete
  9. यादें सहारा देती हैं उदास पलों में..
    सुन्दर भाव..

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बड़ा सहारा होती हैं

      Delete
  10. इन लम्हों की खुशनुमा यादें
    ताउम्र...आँखों से मोती चुरा
    लबों पे तबस्सुम सजाएंगी
    wah ...bahut sunder abhivyakti ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. तहे दिल से शुक्रिया!!

      Delete
  11. बहुत ही बढ़िया।

    सादर

    ReplyDelete
  12. कल 03/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया....लिंक कने के लिए.

      Delete
  13. kabhi kabhi yaaden hi jeene ka sabab ban jaya karti hain.behtreen bhaav...atisundar.

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी हाँ...जब कोई और सहारा नहीं बचता तो यादें सबसे बड़ा सहारा बन जाती हैं .

      Delete
  14. यादें ही बिछुड़ने पर जीने का सहारा होतीं है
    बेहतरीन,लाजबाब प्रस्तुतीकरण..

    MY NEW POST ...40,वीं वैवाहिक वर्षगाँठ-पर...

    ReplyDelete
    Replies
    1. थैंक्स...मैं ज़रूर आपकी नयी पोस्ट देखूंगी .

      Delete
  15. वाह ...बहुत ही बढि़या।

    ReplyDelete
  16. सच है बिछुडने पर यादें ही जीने का सहारा होती हैं...बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. तहे दिल से शुक्रिया!!

      Delete
  17. //जब बिछडेंगे ..हम-तुम
    तब,
    ये ही तो ..
    हमें जीने की ताकत देंगे

    bas unhi yaado k sahaare hi to zinda hain..
    bahut hi khoobsoorat rachna... :)


    kabhi waqt mile to mere blog par bhi aaiyega..
    palchhin-aditya.blogspot.com

    ReplyDelete
    Replies
    1. आभार !!मैं ,अवश्य आऊंगी .

      Delete
  18. यादें ही जोड़ने का या जुड़े रहने का काम करती हैं .. सुन्दर प्रस्तुति

    ReplyDelete
  19. यादें बेशकीमती होती हैं ...बढियाँ

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद !!

      Delete
  20. Dear Nidhiji,
    Phir se aapke blog par aayee hu aur hamesha ki hi tarah ek ke baad ek kavita padti jaa rahi hu. You write awesome, lekin shayad yeh compliment nahi ho aapke liye kyunki samajh aata hai ki yeh beautiful poems kaha se aayee hai. They are born out of deep love which caused deep ever-lasting pain.

    I liked this poem lekin mai agree nahi kar paa rahi hu. In fact, maine apne blog par latest poem jo likhi hai 'tumhari kami' , voh yeh soch kar likhi ki shayad kisi ke jaane ke baad mai kya choo paungi jise chookar lage maine usay choo liya ya usay hi apne paas paa liya hai! Aisa to nahi hota, yaadein kisi insaan ka substitute nahi ho sakti. Yaadein yaadein hi hai, voh kisi ki kami poori nahi kar sakti. Aajkal mujhe lagne laga hai ki kisi se bichadne ke baad mai toot jaungi, uski yaadein mujhe aur helpless kar dengi! Yaadon ki isi dar ke saath, itna comment kar diya maine (maaf kijiyega).

    Meri kavita yaha padiyega-
    http://guptashaifali.blogspot.com/2012/02/blog-post.html

    Take care.
    -Shaifali
    http://guptashaifali.blogspot.com/2012/02/blog-post.html

    ReplyDelete
    Replies
    1. यादें ...कभी भी किसी की कमी पूरी नहीं कर सकती.अक्सर ...तो यह होता है कि साथ गुज़रे हसीं पल भी जब याद आते हैं तो दुःख ही देते हैं.पर,शेफाली इतना ज़रूर कहूँगी कि जब पता हो कि किसी का साथ छूटने वाला है तो हम यही चाहते हैं कि उसके साथ को ..हर एक एहसास को समेट लें.आगे चल कर भले ही यादें और कुछ दे पाए या ना दे पाएं पर उसके करीब होने का एक एहसास ज़रूर देती हैं .
      शेफाली....पता नहीं तुम्हें कितना समझा पायी हूँ...
      हाँ...अगली बार से केवल निधि कहना ...चलेगा.

      Delete
  21. जाने क्या सोचकर ..कुछ पल उम्र भर नहीं गुजरते..उनकी रहगुज़र से गुजरते रहना ...बल्कि रहगुज़र में बने रहना ही अच्छा लगता है

    ReplyDelete
    Replies
    1. हम ही नहीं चाहते कि वो गुजरें ...बाँध लेते हैं खुद को उनके साथ ...हमेशा के लिए .

      Delete

टिप्पणिओं के इंतज़ार में ..................

सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

Followers