Monday, August 10, 2015

दोराहे पे नहीं


मैं बदली थोड़ा
कुछ तुम बदले
हालातों ने फिर
साथ करवट बदले
वक़्त तो यूँ भी
खातिर किसी की
रुका नहीं है कभी
पते की बात बस इतनी सी
एक बार प्यार हो जाए जो
तो वो कभी जाता कहीं नहीं
आज भी तुम हो वहीँ
दिल के कोने में किसी
पर हाँ..अब हो
हक़ीक़त से दूर बड़े
बस ख़्वाबों और यादों में
महसूस होती रहती
है तुम्हारी मौजूदगी

शुक्रिया दोस्त तुम्हारा
जो ज़िन्दगी अब किसी दोराहे पे नहीं

2 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, बजरंगी भाईजान का सब्स्टिटूट - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    1. आपका बहुत -बहुत शुक्रिया !!

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सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

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