ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Tuesday, November 12, 2013
प्यार में हो न सकूंगी
तुम जबसे नहीं ज़िंदगी में
हरेक सुबह ऎसी है
जैसे कई दिन की छुट्टी के बाद काम पर जाना .
तुम्हारे बग़ैर ..
हरेक सड़क ,बस...वन वे
कुछ नहीं जिससे वापस आया जाये
और अगर लौटा भी जाए किसी तरह
तो ,सवाल यह की आखिर किसके लिए .
तुम्हारे बिना
नीला या लाल
गुलाबी या काली
किसी भी स्याही से लिखा,"मैं तुमसे प्यार करती हूँ "
आपने मायने खो देता है .
तुम नहीं हो जो ..
...तो,हमेशा का मतलब
बहुत-बहुत ज़्यादा लंबा अरसा
नहीं हो सकेगा,कभी.
नहीं होगे जब तुम करीब
तो बसंत से रहेगी दूरी
और यह स्याह सर्द सी ज़िंदगी
मेरे आगे अंतहीन खिंचती जायेंगी .
पता है,तुम्हें
यह सब क्यूँकर हुआ
क्यूंकि,तुम बिन ..
मैं प्यार में हो न सकूंगी
कुछ महसूस कर न सकूंगी.
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार को (13-11-2013) चर्चा मंच 1428 : केवल क्रीडा के लिए, मत करिए आखेट "मयंक का कोना" पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत-बहुत शुक्रिया!
Deleteभावपूर्ण ... गहरा एहसास प्रेम का ... उसके न होने का अर्थ जैसे उबाऊ स दिन ... धूप के बिना ...
ReplyDeleteजी बिलकुल.....दिगंबर जी
Deleteदेव कुमार झा जी ने आज ब्लॉग बुलेटिन की दूसरी वर्षगांठ पर तैयार की एक बर्थड़े स्पेशल बुलेटिन ... तो पढ़ना न भूलें ... और हाँ साथ साथ अपनी शुभकामनायें भी देना मत भूलिएगा !
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन के इस खास संस्करण के अंतर्गत आज की बुलेटिन बातचीत... बक बक... और ब्लॉग बुलेटिन का आना मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
हार्दिक धन्यवाद!!
Deleteकिसी के प्यार में ...उसके बिना प्यार में ....होने ना होने का कोई मतलब ही नहीं ...
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति
शुक्रिया,दोस्त
Deleteप्यार की खुबसूरत अभिवयक्ति.......
ReplyDeleteयार की खुबसूरत अभिवयक्ति.
ReplyDeleteसुन्दर रचना,बेहतरीन, कभी इधर भी पधारें
सादर मदन