Thursday, November 29, 2012

उदासी का जश्न


सरप्लस में है उदासी...
सदाबहार है उदासी ..
बेशरम है उदासी ...
गहरी है उदासी ...
एक बार जो घर कर जाए
आसानी से जाती नहीं उदासी .
छोडती नहीं हाथ कभी
साथ निभाती है उदासी

अब जब जीना इसके साथ
मरना इसके साथ
तो क्यूँ न
उदासी का भी जश्न मना लें
जाम अश्कों के छलका कर
दुःख के चखने के साथ
अपने दिल की कहें-सुनें
कुछ देर तन्हाई में रो गा लें.

7 comments:

  1. ्संवेदनायें व्यक्त हो रही हैं।

    ReplyDelete
  2. क्यों सरप्लस में है उदासी,
    बात तो होगी बस जरा सी ....

    शुभकामनायें!

    ReplyDelete
    Replies
    1. छोटी छोटी बातें ही उदास कर जाती हैं,अधिकतर

      Delete
  3. उदासी की तारीक तय होती होगी शायद..

    ReplyDelete

टिप्पणिओं के इंतज़ार में ..................

सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

Followers