सरप्लस में है उदासी...
सदाबहार है उदासी ..
बेशरम है उदासी ...
गहरी है उदासी ...
एक बार जो घर कर जाए
आसानी से जाती नहीं उदासी .
छोडती नहीं हाथ कभी
साथ निभाती है उदासी
अब जब जीना इसके साथ
मरना इसके साथ
तो क्यूँ न
उदासी का भी जश्न मना लें
जाम अश्कों के छलका कर
दुःख के चखने के साथ
अपने दिल की कहें-सुनें
कुछ देर तन्हाई में रो गा लें.
्संवेदनायें व्यक्त हो रही हैं।
ReplyDeleteथैंक्स!!
Deleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति,,,
ReplyDeleteresent post : तड़प,,,
धन्यवाद!
Deleteक्यों सरप्लस में है उदासी,
ReplyDeleteबात तो होगी बस जरा सी ....
शुभकामनायें!
छोटी छोटी बातें ही उदास कर जाती हैं,अधिकतर
Deleteउदासी की तारीक तय होती होगी शायद..
ReplyDelete