Monday, August 13, 2012

ज़रूरी नहीं ....



ज़रूरी यह नहीं
कि प्रेम कितनी बार हुआ
एक बार हुआ या कई बार

ज़रूरी यह है कि
जब हुआ ..जिससे हुआ
उस वक्त
हम उसके साथ
पूरी तरह से थे या नहीं .

उन पलों में जब थे साथ
तब जिए पूर्ण ईमानदारी से
मन-तन सब रहा उसके साथ

यूँ भी...रिश्ता कोई भी हो
किसी से भी हो,कभी भी हो
उसमें शिद्दत की...
ईमानदारी की दरकार
होती है और होनी भी चाहिए

22 comments:

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    1. सहमति हेतु,आभार!!

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  2. ह्म्म्म .... सुना है इसे , पर हो अगर बार बार तो शिद्दत कैसी !

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    1. बार - बार होने पे भी शिद्दत में कमी नहीं आयेगी...क्यूंकि प्यार कोई सीमित नहीं है ...एक भाव है..जो लगातार बहता है..रहता है ,मन में.किसी को देने से उसमें कोई कमी नहीं आती.

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    2. मेरा भी यही मानना है रश्मिजी.

      निधि...यह तो सही है की प्यार देने से कम नहीं होता, मगर उस जैसा प्यार बार बार नहीं होता.

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    3. जीवन में नित नए दोस्त आते हैं...उनसे भी प्रेम होता है...और भी अनेक रिश्ते हैं जिनमें प्रेम होता है .यहाँ...हम प्रेम को केवल स्त्री-पुरुष के प्रेम के रूप में न देखें तो हम पायेंगे कि कोई भी रिश्ता हो जहां प्रेम भाव है..उसमें सबसे पहली शर्त ईमानदारी रहनी चाहिए...पूर्ण निष्ठा .
      जब जहां ..जिस पल जिसके पास हों..जिस प्रेममय रिश्ते में हो.......उसे पूरी तरह जियें.

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  3. Replies
    1. सहमत होने के लिए,थैंक्स!

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  4. यूँ भी...रिश्ता कोई भी हो
    किसी से भी हो,कभी भी हो
    उसमें शिद्दत की...
    ईमानदारी की दरकार
    होती है और होनी भी चाहिए,,,,

    आपने बिलकुल सही कहा,,,,
    निधि जी,,,,कमेंट्स जबाब यदि हो सके दूसरों के पोस्ट पर जाकर दे तो अच्छा रहेगा,,,,
    स्वतंत्रता दिवस बहुत२ बधाई,एवं शुभकामनाए,,,,,
    RECENT POST ...: पांच सौ के नोट में.....

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    1. आपको भी स्वतंत्रता दिवस की अनेकाएक शुभकामनायें .

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  5. बहुत सुन्दर
    प्यार दो ,प्यार लो..
    :-)

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  6. प्रेम के क्षण शाश्वत होते हैं...जरुरी है तो शिद्दत से प्रेम में डूबने की...और शिद्दत बिना ईमानदारी के नहीं आती...

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    1. बिलकुल...ईमानदारी बहुत ज़रूरी है.प्यार में जब हम हों तब हम ईमानदार रहें...छले न ,बस.

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  7. Beautiful writing and beautiful presentation Nidhi ji Happy Independence Day to you too:)

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    1. आपको भी हार्दिक शुभकामनायें ....!!

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