
चलो,
आज मिल के
जी भर के
शराब पीते हैं.
जैसे है ....
जो हैं ...
"खुद " को जीते हैं .
मनाते हैं जश्न
हरेक बात का
तेरे मेरे साथ का .
होते हैं मदहोश
खोते हैं होश
कर लेते हैं
वो सब
जो यूँ नहीं मुमकिन .
सारी नैतिकताएं
सारी वर्जनाएं
तोड़ देते हैं .
मेरे कदम बहकने दे
जले हलक तो जलने दे
मुझे उसी राह पे चलने दे
जहां सारे रास्ते
तुझ तक हैं पहुंचाते .
आओ ना ...
आज जी भर के जी लेते हैं.