मैं कुछ भी कहूँ
कैसे भी कहूँ
तुम्हें अखरता है .
मेरी हर बात में
आजकल कुछ
तुम्हें खलता है
मैं चुप रहूं अगर
तो गुस्साते हो
कि बोलती क्यूँ नहीं
कुछ कह दूँ अगर
तो तमक जाते हो
कि कहना ज़रूरी नहीं .
पसोपेश में हूँ करूं तो क्या करूं
शांत रहूं
चुप रहूं
कुछ पूछूँ
कुछ कहूँ
या करूं इंतज़ार ...कुछ रोज़ .
समझ नहीं आता
तुम चाहते क्या हो
खुद की व्यथा छिपा रहे हो
कुछ कहना है जो कह नहीं पा रहे हो
किस वजह से मुझे दूर किये जा रहे हो
या फिर खुद मुझसे दूर हुए जा रहे हो
वाकिफ हो कि नहीं
मैं कितनी परेशान हूँ
तुम्हारी परेशानी को लेकर
चाहती हूँ कि
कह दो तुम
बाँट लो तुम
सब दिल खोलकर .
जब तक तुम यह नहीं करते
तुम्हारे अनकहे को
समझने की कोशिश में ....मैं
कैसे भी कहूँ
तुम्हें अखरता है .
मेरी हर बात में
आजकल कुछ
तुम्हें खलता है
मैं चुप रहूं अगर
तो गुस्साते हो
कि बोलती क्यूँ नहीं
कुछ कह दूँ अगर
तो तमक जाते हो
कि कहना ज़रूरी नहीं .
पसोपेश में हूँ करूं तो क्या करूं
शांत रहूं
चुप रहूं
कुछ पूछूँ
कुछ कहूँ
या करूं इंतज़ार ...कुछ रोज़ .
समझ नहीं आता
तुम चाहते क्या हो
खुद की व्यथा छिपा रहे हो
कुछ कहना है जो कह नहीं पा रहे हो
किस वजह से मुझे दूर किये जा रहे हो
या फिर खुद मुझसे दूर हुए जा रहे हो
वाकिफ हो कि नहीं
मैं कितनी परेशान हूँ
तुम्हारी परेशानी को लेकर
चाहती हूँ कि
कह दो तुम
बाँट लो तुम
सब दिल खोलकर .
जब तक तुम यह नहीं करते
तुम्हारे अनकहे को
समझने की कोशिश में ....मैं
अजीब स्थिति है ये.....कहा भी न जाय...चुप रहा भी न जाय....
ReplyDeletedon't worry......ये असमंजस के बादल जल्द हटेंगे......
:-)
सुन्दर भाव...
अनु
उम्मीद पर दुनिया कायम है
Deleteबहुत सुंदर उत्कृष्ट भावपूर्ण रचना ....!
ReplyDelete==================
नई पोस्ट-: चुनाव आया...
आभार!!
Deleteकाश वो समझ सकते..
ReplyDeleteकाश हम कह सकते..
खूबसूरत रचना..:-)
शुक्रिया जी शुक्रिया!!
DeleteBahut sundar bhav...
ReplyDeleteथैंक्स!!
Deleteकैसी असमंजस ... इस ओहोपोह की स्थिति को बताती सुन्दर पोस्ट ...
ReplyDeleteतहे दिल से शुक्रिया......दिगंबर जी
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