ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
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प्यार .... हो तो पूछना भी क्या , महसूस हो जाता है
ReplyDeleteहाँ...वो तो है
Deleteप्यार के प्यार में भी दर्द है बहुत
ReplyDeleteखुशियां कम हैं गम ज्यादा हैं
Deleteथोड़ी सी पंक्तियों में बहुत बड़ी बात प्यार को महसूस ही किया जा सकता है प्यार करने में मज़ा तभी है सुन्दर रचना |
ReplyDeleteसच..मज़ा तभी है.
Deleteगला भर आता है जब कभी
ReplyDeleteवो अंदर सैलाब समेटे होता है.
तुम शायद ही समझो
क्यूंकि ,तुमने हमेशा यही कहा
कि तुम्हें प्यार नहीं हुआ है,कभी....सब कुछ कह गयी ये पंक्तिया....... बहुत ही खूबसूरती स वयक्त किया है मन के भावो को....
तहे दिल से शुक्रिया.
Deleteजिसे प्यार ही न हुआ हो, वो क्या जाने ये प्यार क्या होता है....
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत रचना
वो समझ ही नहीं सकता ..कुछ भावों को
Deleteसुंदर रचना
ReplyDeleteथैंक्स.
Deleteहोते होते हो जाएगा.... वो दिन भी आएगा..... सुंदर भाव गागर मे सागर जैसे
ReplyDeleteआमीन.
Deleteबहुत प्यारी भावमयी रचना...
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद
Deleteजो ये कहता है न कि प्यार नहीं हुआ उसे कभी ...यकीन रखना झूठ कहता है वो ...सच ये है कि वो खुद से ज़्यादा किसी से कभी प्यार नहीं कर पाया .....
ReplyDeleteजब हम प्रेम में होते हैं तो खुद से भी ज्यादा दूसरे को प्रेम करते है ...और फिर एहसास करते हैं प्रेम की शक्ति और सुन्दरता का ....गले में आंसुओं का अटकना जब दूसरों के दुःख सुख के लिए हो तो ही महसूस हो पाता है
हम्म...सहमत हूँ तूलिका.कुछ लोग अपने से ज्यादा किसी को प्यार नहीं कर पाते.तरस आता है...उनपर .
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