Friday, October 21, 2011

स्वीकृति की संजीवनी


अजीब होता है प्यार .....
नहीं होता तो ....नहीं होता
और जब होता है तो ...
देश ,काल ,उम्र ,समय ,सीमा
किसी को नहीं जानता,नहीं मानता .

पागल सा कर देता है
खुद पे खुद का बस नहीं चलता है
बहुत परेशान करता है
कई रोग लगा देता है
पर,
इसके बाद भी कितना
खूबसूरत होता है

प्यार करके जाना मैंने
कि
मोहब्बत में मर जाना किसे कहते हैं .
जान पे बनी थी मेरी ....
कि ,कल रात ख्वाब सा कोई ...
सपने में आकर ,मेरे सिरहाने
स्वीकृति की संजीवनी रख गया
बीती रात से जी उठी हूँ ...मैं .

28 comments:

  1. बेहतरीन रचना......बहुत ही बढि़या ।

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  2. प्यार करके जाना मैंने
    कि
    मोहब्बत में मर जाना किसे कहते हैं .
    जान पे बनी थी मेरी ....

    निधि जी,आप भी क्या खूब लिखतीं हैं.
    बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आभार.

    मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है.

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  3. गीत के साथ इन एहसासों की उम्र बढ़ गई ...

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  4. बहुत ख़ूबसूरत रचना! हर एक पंक्तियाँ दिल को छू गई
    कम शब्द, गहरे भाव... आपकी पहचान बन गई है.....निधि जी

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  5. स्वीकृति से जी उठना..?? किंचित ही संभव है..

    सुंदर..!!

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  6. स्वीकृति की संजीवनी रख गया
    बीती रात से जी उठी हूँ ...मैं .bahut khoob...aabhar

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  7. वाह वाह्………………सच तो कहा प्यार मे मौत कब होती है मोहब्बत ही तो ज़िन्दगी होती है।

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  8. अमरेन्द्र जी...धन्यवाद!!

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  9. तारीफ के लिए शुक्रिया...राकेश जी.आपके ब्लॉग पर जल्द ही आउंगी

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  10. एहसासों की उम्र बढ़ जाना ...उपलब्धि है,रश्मिप्रभा जी

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  11. शब्द तो कम नहीं होते है ..संजय जी ...मुझे लगता है शब्दों और भावों की अधिकता ही होती है...शब्द कम ज़रूर किया जा सकते जब कई बार पढ़ो तो लगता है कम शब्दों में भी कहा जा सकता था .आपका आभार !!

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  12. प्रशंसा हेतु....धन्यवाद ,प्रियंका.

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  13. संभव है...विश्वास हो तो बहुत कुछ संभव हो जाता है....तहे दिल से शुक्रिया ...टिप्पणी हेतु....प्रियंका .

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  14. वन्दना ...थैंक्स...मोहब्बत वो एहसास जो हर शै में जैसे जान डाल देता है

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  15. भावपूर्ण संवेदनशील सृजन .... शुक्रिया जी /

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  16. कि ,कल रात ख्वाब सा कोई ...
    सपने में आकर ,मेरे सिरहाने
    स्वीकृति की संजीवनी रख गया
    बीती रात से जी उठी हूँ ...मैं .

    वाह बहुत खूबसूरत एहसास

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  17. उदयवीर जी...आपका आभार की आप ब्लॉग पर आये,रचना को पढ़ा एवं अपने विचारों से अवगत कराया .

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  18. संगीता जी....हार्दिक धन्यवाद!!

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  19. और जब होता है तो ...
    देश ,काल ,उम्र ,समय ,सीमा
    किसी को नहीं जानता,नहीं मानता .

    अभी वंदना जी के ब्लॉग पे देखा वे प्रेम पर शोध कर रही हैं ...
    यह कविता उनके काम आएगी ....

    :))

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  20. हरकीरत जी...थैंक्स!!प्रेम पे शोध..........वाह!!चलिए...कहीं तो कुछ काम आया ...किसी के काम आया

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  21. प्यार...हरपल...हरदम...बस खूबसूरत...हर बंधन....हर सीमा से परे....प्यार...एक खूबसूरत एहसास...

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  22. बहुत सुंदर प्रस्तुति ....

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  23. कुमार...प्यार से खूबसूरत कुछ नहीं...यकीनन .

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  24. मार्क ....थैंक्स !!

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  25. नयंक पटेलOctober 24, 2011 at 7:48 AM

    धडकने बढ जाती है दिल की...

    याददास्त भी पड जाती है हल्की सी...

    नींद खुल खुल जाती है बार बार...रातों मे...

    करवटे बदलना जारी रहता है रात भर...

    सपने भी आते है कुछ अजीब से...

    नींद से बस!..जगाने के लिए ही....

    रह रह कर सामने आता रहता है...

    कोई एक चेहरा....

    सांसों की रफ्तार कभी तेज...

    कभी धीमी पडने लग जाती है...बिना वजह...

    जाना कही होता है...पहुंच जाते है कहीं....

    मन की बीनापर सुनाई देता है...

    कोई सुरीला सा, मीठा संगीत....

    कोई जब नाम ले कर पुकारता है...

    अच्छा लगने लगता है अकेलापन...

    दिन में भी दिख जाए तारे...दिल चाहता है....

    हौले से बस!..वही आ जाए...कहता है दिल!

    अच्छे लगने लगते है प्रेम रंग में रंगे गीत....

    अजीब दासतां है ये....ऐसा होता है महसूस हरदम...


    कदमों की आहट जब देती है सुनाई...

    लगता है..ये कहीं वो तो नही....

    जब वो सामने आ जाते है...

    लगता है जैसे कह रहे हो...

    तुमने पुकारा और हम चले आए... कई रोग लगा देता है
    पर, इसके बाद भी कितना खूबसूरत होता है...जब प्यार किसी से होता है !!!!

    निधिजी , आपने तो ह्रदय और मन को टटोल के , हिलाके मख्खन की तरह ये बात सब के सामने रख दी और रखवा भी दी ! खूब सूरत अंदाज़ से .

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  26. नयंक जी...आपने इतने विस्तार पूर्वक..टिप्पणी करी..शुक्रिया !!अपने मन के भावों को हम सभी के समक्ष रखा...बांटा ..अच्छा लगा पढ़ कर .मेरा यही प्रयास रहेगा कि आप सबके मन की बातें भी यूँ ही निकलवाती रहूँ...कभी-कभार ,अपनी रचनाओं के माध्यम से .

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  27. अजीब होता है प्यार .....
    नहीं होता तो ....नहीं होता
    और जब होता है तो ...
    देश ,काल ,उम्र ,समय ,सीमा
    किसी को नहीं जानता,नहीं मानता . bhaut hi gahan abhivaykti... happy diwali...

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  28. सागर...शुक्रिया! ! दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें !१

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टिप्पणिओं के इंतज़ार में ..................

सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

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