ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Saturday, September 24, 2011
प्रेम की मोहर
तुम आज बहुत याद आ रहे हो...
तुम्हारे प्रेम की मोहर
रंग बदल रही है
शुरू में जो लाल थी
धीरे धीरे...काली..बैगनी..नीली...हरी होती हुई
पीली पड़ रही है ..
अब ,चले आओ ...
मेरे बदन पे ,तुम्हारे प्यार के चिह्न नहीं होते
तो मैं खुद को पहचान नहीं पाती हूँ
लगता है किसी और के जिस्म में फंसी हुई है आत्मा मेरी
आओ न....
प्रेम के इस ब्रह्माण्ड में ...
मेरी आत्मा को तृप्त करके मुक्त करने ..
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सुंदर रचना
ReplyDeleteगज़ब् के भावो का समन्वय्।
ReplyDeleteखूबसूरती से लिखे जज़्बात...बहुत प्रभावी प्रस्तुति निधि जी
ReplyDeleteअति गहरे भावो को सरल सुन्दर शब्दो में प्रस्तुत कर दिया आपने.....निधि जी
ReplyDeleteभावो को बहुत ही खूबसूरती से शब्दों में पिरोया है....
ReplyDeleteमहेंद्र जी ...वंदना ....संजय जी.........सुषमा...आप सभी का आभार .
ReplyDeleteअपने ताज़ा कंटेंट के साथ प्रेम के रंग में पगी सुंदर कविता बधाई डॉ० निधि जी
ReplyDelete♥
ReplyDeleteआपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत सुंदर, प्यारे और कोमल एहसास, मन को गुदगुदाते से लगे........
ReplyDeleteरंग बदल रही है .....पिली पड़ रही है ......
ReplyDeleteमें खुद को पेहचान नहीं पाती हूँ ......
क्या टिपण्णी करेंगे ? सब तो साफ़ लब्जों में बयां है
बस इतनाही, फंसी हुवी आत्मा को मुक्ति मिले , प्रेम के इस ब्रह्माण्ड में
उन्हें आप ढूंढती है , आपको दिल ढूंढता है
न अब मंजिल है कोई , न कोई रास्ता है
अकेले है , चले आओ , जहाँ हो , कहाँ आवाज़ दे उनको कहाँ हो
जयकृष्ण जी...आपका हार्दिक धन्यवाद !!
ReplyDeleteराजेंद्र जी...धन्यवाद !!आपको एवं आपके परिवार को भी नवरात्र पे शुभकामनायें!
ReplyDeleteशुक्रिया......अंजू .
ReplyDeleteनयंक जी..शुक्रिया!!आपने जो भी लिखा,कहा...मैंने समझ लिया...शुक्रिया!!!
ReplyDeleteप्रेम की परिभाषा आपसे बेहतर कौन समझ सकता है..???
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति..!!!
थैंक्स....प्रियंका !
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