तुमने ...
आज ,
एक मामूली चीज़ को
मेरे मुकाबले में लाकर खडा कर दिया .
मुझे,पूरा यकीन था कि ......
हमारे जीवन में ,
बस एक बिंदु भर की एहमियत वाली
इस चीज़ से तो पक्का मेरा वजूद जीत जाएगा.
पर,भूल गयी
ये हमारा जीवंन मेरे लिए साझा है
तुम्हारे लिए
ये तुम्हारा जीवन है
प्राथमिकताएं तुम्हारी अपनी हैं
आदतें तुम्हारी अपनी हैं
बस,
एक मैं ही अजनबी.
तुमने उस बिंदु से मेरा वजूद ढक दिया
पता नहीं,इस तरह
तुमने किसे जिताया किसे हरा दिया
पर,
मैं खुद से हार गयी
अपने दिल,प्यार,विश्वास से हार गयी
जो बार-बार टूट कर
न जाने कैसे और क्यूँ जुड जाता है
और रास्ता तकता रहता है
एक बार फिर तुम्हारे हाथ ...
...टूटने का
आदरणीय निधि जी जी
ReplyDeleteनमस्कार !
वाह बेहतरीन !!!!
भावों को सटीक प्रभावशाली अभिव्यक्ति दे पाने की आपकी दक्षता मंत्रमुग्ध कर लेती है...
मन में एक नई उम्मीद जगाती संवेदनशील पोस्ट
ReplyDeleteओह ...बहुत मर्मस्पर्शी रचना ...
ReplyDeleteFantastic projection of thoughts !!!
ReplyDeletedil ke komal bhvon ko ukerne men safal badhai
ReplyDeleteबेहतरीन.
ReplyDeleteसादर
निधि जी आपके अहसास कितने दार्शनिक और दिल को छूनेवाले हैं,
ReplyDeleteइसका शब्दों में बयां नहीं कर पा रहा हूँ.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
ehsaas dil ko chhu rahe
ReplyDeleteबहुत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति...अंतस को छू जाती है..बहुत सुन्दर
ReplyDeleteउत्कॄष्ट रचना...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...[रैनी]
ReplyDeleteसंजय जी....मैं आपके कमेंट्स की प्रतीक्षा करती हूँ...इधर आप बीमार रहे...मेरे ब्लॉग पर आपकी कमी खली ...
ReplyDeleteशुक्रिया..रचना को सराहने के लिए
संगीता जी..आपके मर्म को रचना स्पर्श कर पायी ...मेरा सौभाग्य !
ReplyDeleteज्योति जी...थैंक्स !!
ReplyDeleteसुनील जी...तहे दिल से आपका शुक्रिया...
ReplyDeleteयशवंत जी....धन्यवाद !!
ReplyDeleteराकेश जी..प्रशंसा हेतु आभार..आपने समय निकला ,रचना को पढ़ा ,सराहा ...थैंक्स!!
ReplyDeleteरश्मिप्रभा जी....हार्दिक धन्यवाद!!
ReplyDeleteकैलाश जी...रचना मन को छू ले...यह काफी है मेरे लिए...आप का आभार!!
ReplyDeleteअमित जी...पोस्ट आपको अच्छी लगी...धन्यवाद
ReplyDeleteरेनी ......बहुत बहुत आभार !
ReplyDeleteभावमय करते शब्दों के साथ सुन्दर रचना ।
ReplyDeleteक्या बात है, बहुत सुंदर
ReplyDeleteसदा...............शुक्रिया!!
ReplyDeleteमहेंद्र जी....थैंक्स!!
ReplyDeletepahli baar padha aapko bahut sunder bimb ka prayog kiya hai. yahi bimb ek vivahit jeewan ka aadhar, vishwas aur pyar hai.
ReplyDeleteprabhavi lekhan.
ह्रदय स्पर्शी रचना ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर..
अनामिका...आप का स्वागत है...आपका आभार कि आपने रचना को पढ़ा एवं पसंद किया...
ReplyDeleteअनुपमा जी...बहुत-बहुत शुक्रिया !!
ReplyDeleteमर्म को छूती है आपकी प्रभावी रचना ...
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