Thursday, April 25, 2013

कह देना


प्लीज़ ...यार, मेरी एक बात सुनो
तुम जो चाहें सोचो
या जो मन में आये करो
पर,मेरे पास रहो .

इतना पास...
कि जब मन करे
तो तुम्हें छू सकूँ
बांहों में भर सकूँ
जी भर के चूम सकूँ .

अच्छा ,एक बात बताओ
तुम्हें ऐसा कभी नहीं लगता ,क्या ?
कभी मन नहीं करता
कि नज़दीक रहो .
पता है ,लगता भी होगा न
तो तुम कहोगे नहीं.
यूँ भी ...जतलाना
तुम्हारी फितरत कहाँ ?

सब जानने के बाद भी
मैं कहूँगी यही
कि कह देना ..
रिश्ते की सेहत के लिए अच्छा होता है

12 comments:

  1. मुझे भी ऐसा ही लगता है, दिल से निकली बात है..

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  2. वैसे रिश्ते की सेहत के लिए सच ही थोड़ी दूरी अच्छी होती है ... बेहतरीन अभिव्यक्ति

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    1. दूरी हो पर कम्यूनिकेशन गैप न हो

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  3. बहुत सुंदर रचना
    क्या बात

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    1. आभार..महेंद्र जी

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  4. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (27 -4-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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    1. धन्यवाद........वन्दना ,मेरी रचना को स्थान देने हेतु.

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टिप्पणिओं के इंतज़ार में ..................

सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

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