Sunday, February 17, 2013

हवा से


ज़िंदगी...
करीब महसूस होती है
जब तुम पास होते हो
सांस लेती है.....
जब तुम नज़दीक होते हो

क्यूँ इतना दूर चले जाते हो
कि बुलाऊं तो
आवाज़ लौट आती है
हाथ बढ़ाऊँ तो
खाली हथेली लौट आती है

हवा से हो जाओ न ,तुम
तुम दिखो या न दिखो
मेरे इर्द गिर्द रहो
हमेशा ,
महसूस होते रहो.

तुम ज़रूरी हो ..मेरे लिए
ओक्सीज़न की तरह ...

11 comments:

  1. Replies
    1. आभार,धीरेन्द्र जी

      Delete
  2. तुम ज़रूरी हो ..मेरे लिए
    ओक्सीज़न की तरह....!!

    बहुत खूब....

    ReplyDelete
  3. वो तुम्हारे पास ही तो है....दिखता नहीं,हवा है वो....महसूस करो...जियो उसको ..
    :-)
    अनु

    ReplyDelete
  4. सुन्दर शेली सुन्दर भावनाए .... खूबसूरत रचना की लिए धन्यवाद|

    ReplyDelete
  5. बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति.

    ReplyDelete

टिप्पणिओं के इंतज़ार में ..................

सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

Followers