ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Sunday, February 17, 2013
हवा से
ज़िंदगी...
करीब महसूस होती है
जब तुम पास होते हो
सांस लेती है.....
जब तुम नज़दीक होते हो
क्यूँ इतना दूर चले जाते हो
कि बुलाऊं तो
आवाज़ लौट आती है
हाथ बढ़ाऊँ तो
खाली हथेली लौट आती है
हवा से हो जाओ न ,तुम
तुम दिखो या न दिखो
मेरे इर्द गिर्द रहो
हमेशा ,
महसूस होते रहो.
तुम ज़रूरी हो ..मेरे लिए
ओक्सीज़न की तरह ...
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बहुत उम्दा खूबशूरत अहसास,,,,,
ReplyDeleterecent post: बसंती रंग छा गया
आभार,धीरेन्द्र जी
Deleteवाह बहुत बढिया
ReplyDeleteथैंक्स!
Deleteतुम ज़रूरी हो ..मेरे लिए
ReplyDeleteओक्सीज़न की तरह....!!
बहुत खूब....
शुक्रिया!
Deleteवो तुम्हारे पास ही तो है....दिखता नहीं,हवा है वो....महसूस करो...जियो उसको ..
ReplyDelete:-)
अनु
सुन्दर शेली सुन्दर भावनाए .... खूबसूरत रचना की लिए धन्यवाद|
ReplyDeleteधन्यवाद!
Deleteबहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति.
ReplyDeleteथैंक्स!
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