Saturday, May 19, 2012

भूत


बीती बातें...गुजरी बातें
भूत ..कहते हैं ,इनको.
सही ही कहते हैं न ..
भूत सरीखी ही होती हैं,ये सारी .
एक बार पीछे पड़ जाएँ
तो पीछा नहीं छोडती कभीं .
बीती गुजरी बातों के भूत को
रिफाइंड भाषा में याद कह देते हैं .
यह भूत न दिन देखें न रात
ना सांझ न दोपहर
किसी मौसम से कोई फर्क नहीं पड़ता .
जब मन चाहा पकड़ लिया.... पीछे से
दिल में दर्द हो,आँख नम हो
हर ओर उदासी का आलम हो
तब समझ आता है कि चढ गया
भूत फिर से वर्तमान पे.
ध्यान कहीं न लगे
मन रोने का करे
अजीब सी उलझन हो
बस में न तन मन हो
सब यही देते हैं सलाह कि
झडवा लो किसी से
अब कौन समझाए सबको
कि उस "किसी "को
जो मेरा यह भूत उतारे
यह लोग कहाँ ढूंढ पायेंगे ?

29 comments:

  1. दिल में दर्द हो,आँख नम हो
    हर ओर उदासी का आलम हो
    तब समझ आता है कि चढ गया
    भूत फिर से वर्तमान पे.

    बहुत सुंदर रचना,..अच्छी प्रस्तुति

    MY RECENT POST,,,,काव्यान्जलि ...: बेटी,,,,,
    MY RECENT POST,,,,फुहार....: बदनसीबी,.....

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  2. बीती बातें...गुजरी बातें
    भूत ..कहते हैं ,इनको.
    सही ही कहते हैं न ..
    भूत सरीखी ही होती हैं,ये सारी .
    एक बार पीछे पड़ जाएँ
    तो पीछा नहीं छोडती कभीं
    हाँ कभी भी पीछा नहीं छोड़ते ये भूत... सुन्दर प्रस्तुति

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  3. दिल में दर्द हो,आँख नम हो
    हर ओर उदासी का आलम हो
    तब समझ आता है कि चढ गया
    भूत फिर से वर्तमान पे.

    सच ये भूत पीछा नहीं छोडता ...

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    1. जी हाँ...नहीं छोडता .

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  4. अतीत में विचरती सुंदर प्रस्तुति ...!!

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    1. अनुपमा....थैंक्स!!

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  5. भूत तादात्म्य का भूत है...
    कुछ भूत अच्छे होते हैं
    कुछ बुरे
    बुरा भूत बिन बुलाया मेहमान है
    तो अच्छा भूत एक विशिष्ट मेहमान
    .
    सच हमारे मन को
    लत है भूत की
    उसका मत भूत की
    परछाइयों से ही तय है


    यह भूत अद्भुत रहा...

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    1. मनोज जी...आपके द्वारा की गयी यह टिप्पणी भी अद्भुत रही
      बुरा भूत बिन बुलाया मेहमान है
      तो अच्छा भूत एक विशिष्ट मेहमान....वाह!!

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  6. अब कौन समझाए सबको
    कि उस "किसी "को
    जो मेरा यह भूत उतारे
    यह लोग कहाँ ढूंढ पायेंगे ?
    ......बहुत ही भावपूर्ण अन्तःस्थल को स्पर्श करती रचना... !!!

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  7. भूत तो डराता ही जाता है ...

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  8. भूत तो डराता ही जाता है ...और असली भूत को जो बुरी तरह हावी हो , कौन उतारे उस भूत के सिवा

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    1. सही कहा ,आपने...बिलकुल.

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  9. भूत का मतलब डर एवं जो डर गाया वह मर गया । हम वर्तमान में न जीकर वास्तविक रूप में अतीत में जीते हैं । प्रस्तुति अच्छी लगी । बहुत दिन हो गए । आपने तो मेरे पोस्ट पर आना ही छोड़ दिया । मेरी कामना है कि आप अहर्निश सृजनरत रहें । मेरे नए पोस्ट अमीर खुसरो पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

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    1. जी.......आपकी पोस्ट पर आउंगी.

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  10. सच है ये भूत नहीं उतरता ... उम्र भर साथ चिपका रहता है यादों के रूप में ...
    भाव मय ...

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    1. यादों के रूप में ....उम्र भर साथ.

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  11. अब कौन समझाए सबको
    कि उस "किसी "को
    जो मेरा यह भूत उतारे
    यह लोग कहाँ ढूंढ पायेंगे ?

    ....सच है यह भूत उम्र भर कहाँ पीछा छोडता है...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...आभार

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    1. सच्ची...भूत कभी पीछा नहीं छोडता .

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  12. खुद को बांधा है शब्‍दों के दायरे में - - संजय भास्कर
    नई पोस्ट पर आपका स्वागत है निधि जी

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    1. थैंक्स......आउंगी,पोस्ट पर.

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  13. अब कौन समझाए सबको
    कि उस "किसी "को
    जो मेरा यह भूत उतारे
    यह लोग कहाँ ढूंढ पायेंगे ?
    badi gahri baat... kahan se dhundh ke layen:)
    achchhi rachna...

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    1. बहुत-बहुत शुक्रिया!!

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  14. हे हे ... भूत! सही कहा आपने..... वैसे इस तरह से आपका सोचने का अंदाज अच्छा लगा। मैं अभी भी सोच रही हूँ कि क्या तुलना किया है आपने! अद्भुत है! अबसे मैं भी भूत कहा करूंगी......

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    1. तुम भूत कहोगी तो ....मेरा लिखना सफल.

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टिप्पणिओं के इंतज़ार में ..................

सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

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