Friday, February 14, 2014

ऐसा नहीं हो सकता क्या


सुनो न
मैंने मान लिया
बहुत खराब हूँ मैं
तुम्हें परेशान करता हूँ
दुःख भी देता रहता हूँ
पर इस सब के बाद भी
यकीं जानो ..
तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.
ऐसा नहीं हो सकता क्या
कि मेरी सारी कमियाँ
सब गलतियां
तुम बुहार दो..
छिपा दो ..
उस कालीन के नीचे
जिस पर लिखा है
आई लव यू .

9 comments:

  1. वाह....
    बहुत-बहुत सुन्दर...
    :-)

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  2. वाह ! बहुत उम्दा प्रस्तुति...!

    RECENT POST -: पिता

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  3. लो छिपा दिया......
    इन चंद अल्फाजों के नीचे कितना कुछ छिप जाता है...
    :-) <3

    अनु

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  4. छिपा तो दें ,लेकिन कभी को झाँकेगा ही न !

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  5. प्यार की खुबसूरत अभिवयक्ति.......

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  6. क्या बात है ... इतनी मासूमियत से कही है बात की उड़ गयीं सब कमियां ...
    लाजवाब ...

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  7. इंसान गुनाह का पुतला है। मैं भी एक इंसान हूँ। तुम मुझे मेरी तमाम ख़ामियों के साथ क़बूल कर लो यही मुनासिब है।

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टिप्पणिओं के इंतज़ार में ..................

सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

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