ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Saturday, March 30, 2013
डर
स्याह सी खामोशियों के
इस मीलों लंबे सफ़र में
तन्हाइयों के अलावा ..
साथ देने को दूर-दूर तक
कोई भी नज़र नहीं आता .
जी में आता है
कि कहीं तो एक उम्मीद दिखे
कोई तो हो हमक़दम
जिसके हाथों को थाम के चलें.
पर फिर वही डर...वही खटका
मन का ...
कि गर कोई मिल भी गया
तो..................
बीच राह में वो छोड़ कर न जाए
मुझे कुछ और खाली
कुछ और अधूरा सा
न कर जाए .
उनका क्या हो जो लोग जन्मते ही हैं ...ज़िंदगी का सारा खालीपन और उदासी अपने में समेटने के लिए .
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बहुत प्यारे भाव
ReplyDeleteबहुत सुन्दर एहसास
ReplyDeletelatest post कोल्हू के बैल
latest post धर्म क्या है ?
बहुत खूब !
ReplyDeleteआज की ब्लॉग बुलेटिन क्योंकि सुरक्षित रहने मे ही समझदारी है - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बहुत खूब ...........मन की कशमकश का सही आंकलन
ReplyDeleteतन्हाईयाँ ...वे पल जो हमें और मज़बूत ...और क्रिएटिव बनाते हैं...वह सुना है न
ReplyDelete" हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें
हम दर्द के सुर में गाते हैं"
तन्हाई ...एक बहुत खूबसूरत दोस्त भी है ....जो हमारा परिचय हमीसे कराती है ...है न ...
बहुत खूब ...दिल के इस डर को तो मिकालना ही होगा ... जीवन का मतलब भी तो समझना जरूरी है ...
ReplyDeleteतन्हाई भी जीवन का एक हिस्सा है, जिससे कहाँ बच सकते हैं...बहुत भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी रचना..
ReplyDeleteदूर दूर तक साथ देने कोई नहीं आता
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन रचना निधि जी
कोई छोड़ कर चला न जाए इस डर से अकेले जीना स्वीकार ...होती हैं ऐसी कई जिंदगियाँ जिनके हिस्से सिर्फ अकेलापन और दर्द... फिर भी जीनी होती है ज़िंदगी. भावपूर्ण अभिव्यक्ति, बधाई.
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
बहुत सुन्दर....बेहतरीन रचना
ReplyDeleteपधारें "आँसुओं के मोती"
नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!! बहुत दिनों बाद ब्लाग पर आने के लिए में माफ़ी चाहता हूँ
ReplyDeleteबहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
मेरी मांग
आपकी यह उत्कृष्ट रचना 'निर्झर टाइम्स' पर लिंग की गई है। कृपया http://nirjhar-times.blogspot.com पर अवलोकन करें।आपका सुझाव सादर आमन्त्रित है।
ReplyDeleteमन के उचाटपन की सुन्दर अभिव्यक्ति!
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