Friday, June 24, 2011

बारिश का मौसम

तुम्हारी यादें...
सालों पहले लगी चोट सी
बारिश के मौसम में,हमेशा
ज्यादा परेशान करती हैं
तुम मिले नहीं मुझे
हो नहीं पाए मेरे
इस ज़ख्म पर
समय जो खुरंट लगाता है .....
ये मौसम ...
उसे भिगो कर
बेदर्दी से नोच कर ...
फिर हरा कर जाता है .

22 comments:

  1. Very Painful, but very true...
    Close to heart !
    Nice!

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  2. समय जो खुरंट लगाता है,

    ये मौसम

    बहुत खूब कहा है आपने इन पंक्तियों में ... ।

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  3. ओह , बहुत मार्मिक ..खुरंट का हरा होना ... गज़ब ..

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  4. बड़े दिन बाद आकर अपनी टिप्पणी दी..........आदित्य .

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  5. सदा ...............शुक्रिया ,पसंद करने के लिए .

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  6. संगीता जी...........बारिश के मौसम कि यही खासियत है सब कुछ नया सा कर जाता है........ज़ख्मों को भी पुराना खुरंट खींच कर अलग कर देता है और हरा कर जाता है

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  7. उफ़ …………दर्द और यादो का मार्मिक चित्रण्।

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  8. वंदना जी.............आभार!!

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  9. महेंद्र जी......पसंद करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया !!!

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  10. निधि आपकी रचनाओं में ताज़गी और 'विचार-ओ भावना' की मधुरता झलकती है ...

    'आँख-ओ-आसमां' में बूंदे लिए मौसम आया है
    जाने क्या क्या याद लिए 'दौर-ए-गम' आया है

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  11. marmik abhivyakti .par bahut sundar.nidhi ji aapka blog achchha laga.rajeev ji ka avashay shukriya karoongi.

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  12. Nidhi ji bahut achchha likhti hain aap .aapke blog ka parichay ''http://yeblogachchhalaga.blogspot.com'' par diya gaya hai.aap aaye v apne vichharon se avgat karayen .have a nice day .

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  13. प्यार का दर्द

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  14. virah ke dard main doobi bahut hi marmik rachanaa.badhaai sweekaren.





    please visit my blog.thanks.

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  15. अमित..........आपको मेरे लिखने में जो प्रयोग हैं वो पसंद आते है....इससे मुझे भी चाँद तारों से आगे कुछ सोचने के लिए प्रोत्साहन मिलता है ....नवाजिश पसंद करने के लिए

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  16. दीपक जी..............शुक्रिया!मैं ज़रूर आऊँगी आपके ब्लॉग पर .

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  17. शालिनी जी.....आप ब्लॉग पर आयीं ..रचनाएँ पसंद की...खुले दिल से टिप्पणी की........धन्यवाद!

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  18. शिखा जी........तहे दिल से शुक्रिया ....आपको मेरा लिखा पसंद आया ...मेरे ब्लॉग का लिंक देने के लिए भी आभार!

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  19. संदीप जी..थैंक्स !

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  20. प्रेरणा जी...........धन्यवाद. अवश्य आपके ब्लॉग पर आऊँगी ...

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सुराग.....

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