Saturday, March 15, 2014

withdrawl symptoms


बेवजह तुमसे बात करना कम कर देती हूँ

दिन में सो लेती हूँ रात भर जागती हूँ

तनहा सारी सारी रात तुम्हें सोचती हूँ



मन कहता है तुम्हारे जाने तक अपना मूड ठीक रखूँ

जिससे तुम खुश रहो

मेरी वजह से अपना तय प्रोग्राम न खराब करो

पर,पता नहीं क्यूँ

ऐन उसी वक़्त तुमसे लड़ लेती हूँ

और उसे जस्टीफाई भी कर लेती हूँ

कि चलो इस लड़ाई पे आये गुस्से से

मुझे याद करते रहोगे हर पल.



hallucination होने लगा है

तू हर ओर दिखने लगा है

भूख बंद ...प्यास ख़त्म

जीने की सब वजह ख़त्म



मेरी लत बन गए हो तुम

तुम्हारे दूर जाने की बात भर से

सब उलट पुलट होने लगता है

दिल की धड़कन हो या मेरा मूड .



जाने की बात ...

तेरे दूर होने का ख्याल आते ही

withdrawl symptoms शुरू हो जाते हैं .

15 comments:

  1. बहुत बढ़िया ..होली की शुभकामनायें

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    1. तहे दिल से शुक्रिया!!

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  3. This comment has been removed by the author.

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  4. आपसे बेहतर कोई और नहीं..
    करे जो हाले-दिल ब्यान..
    मैं कह भी नहीं पाता हूँ..
    आप लिख देते हैं यहाँ.. :-)

    खूबसूरत हर बार की तरह.. :-)

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  5. वाह जी! क्या बात है!!!

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  6. आज बहुत दिन के बाद ब्लॉग ओपन किये थे. अचानक से आपके ब्लॉग का नाम दिखा, पता है याद ही नहीं आ रहा था कि किसका है? सब भूल गए. पहले तो ब्लॉग के नाम से याद आ जाता था कि किसका ब्लॉग है. खैर इसी भूल पर बहुत दिनों के बाद आपके ब्लॉग पर आना भी तो हुआ. आपके लिखे को मैं क्या कहूँ? अच्छा लगता है जब पढ़ती हूँ तो और फिर हरानी भी होती है कितना सरल है मन को अभिव्यक्त कर देना! पर फिर हंसी आती है कि ये गुण भीत ओ बिरले को ही प्राप्त है, जैसे कि आप!

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    1. ये गुण भी तो ....... sorry typing mistake!!!!!!!!!!!!

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    2. वन्दना...मुझे याद रखने के लिए..पढने के लिए...सराहने के लिए....शुक्रिया!!

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टिप्पणिओं के इंतज़ार में ..................

सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

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