ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Friday, February 13, 2015
तुम्हारे नाम का कोना
HAPPY KISS DAY!!!
लबों को लबों से छुओ कि तुममें खोना है
मैंने तय कर लिया है अब कि तेरा होना है
तेरी चाहत ने भुला दिया बाक़ी सब कुछ
सोचती हूँ प्यार है या कोई जादू टोना है
किसी को वहाँ आने की इजाज़त नहीं है
मेरे दिल में तुम्हारे नाम का जो कोना है
तुम्हारे होने से ख़ुशियों की बारात है जीवन
वरना तो किसी न किसी बात का रोना है
ज़िन्दगी इसी आरज़ू के साथ बितायी है मैंने
कि जब दम निकले तो तेरी बाहों में होना है
मेरी आँखों का नमक उस तक पहुंचा होगा
इसी वजह से शायद वो इतना सलोना है..
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सार्थक प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (15-02-2015) को "कुछ गीत अधूरे रहने दो..." (चर्चा अंक-1890) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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पाश्चात्य प्रेमदिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
कितनी सुंदर पंक्तियां हैं। दिल को छू गई।
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