अच्छा किसी को गर इतना चाहा जाये .....
कि प्यार में डुब कर तरना आ जाये
उसपे मर कर जीना आ जाये
इतनी दूरी हो कि क़रीब आ जाये
इतना भूलें कि वो बेहद याद आये
मैं बन जाऊं जो धरती सी
तो वो झुका आसमान लगे
इतनी कठिन हो चीज़ें
कि बाक़ी सब आसान लगे
सच्चा लगे वो इस क़दर
कि दुनिया बेईमान लगे
आस पास सारे इंसान हैं वही रहे
और वो एक शख़्स भगवान लगे
......तो हो तो क्या हो????
कि प्यार में डुब कर तरना आ जाये
उसपे मर कर जीना आ जाये
इतनी दूरी हो कि क़रीब आ जाये
इतना भूलें कि वो बेहद याद आये
मैं बन जाऊं जो धरती सी
तो वो झुका आसमान लगे
इतनी कठिन हो चीज़ें
कि बाक़ी सब आसान लगे
सच्चा लगे वो इस क़दर
कि दुनिया बेईमान लगे
आस पास सारे इंसान हैं वही रहे
और वो एक शख़्स भगवान लगे
......तो हो तो क्या हो????
बहुत ही भावपूर्ण प्रस्तुति ।
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