तुमने चुनी अपनी सुविधा
अपनी पसंद को जिया
किसी और के मुताबिक़ चलना
किसी के जज़्बातों की कद्र करना
कभी ये सीखा ही कहाँ
तुम तो फिर तुम हो न आखिर
अपने लिए जीते हो अपने लिए ही जियोगे
बाक़ी किसी की परवाह भला क्यों करोगे
अपनी पसंद को जिया
किसी और के मुताबिक़ चलना
किसी के जज़्बातों की कद्र करना
कभी ये सीखा ही कहाँ
तुम तो फिर तुम हो न आखिर
अपने लिए जीते हो अपने लिए ही जियोगे
बाक़ी किसी की परवाह भला क्यों करोगे
यह जानते बूझते मैंने ठानी है
तुमसे कुछ कहना बेमानी है
अब ...बस अपने आप को
समेटने की कोशिश है
संभालने का प्रयास है
धीरे धीरे अपने को समझाना है
समझाते हुए ख़ुद को सिखलाना है
कि कुछ बातें अपने हाथ नहीं होतीं
और तुमसे जुड़ा मेरा सब कुछ
इन्हीं बातों में आ जाता है
तुमसे कुछ कहना बेमानी है
अब ...बस अपने आप को
समेटने की कोशिश है
संभालने का प्रयास है
धीरे धीरे अपने को समझाना है
समझाते हुए ख़ुद को सिखलाना है
कि कुछ बातें अपने हाथ नहीं होतीं
और तुमसे जुड़ा मेरा सब कुछ
इन्हीं बातों में आ जाता है
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (21-11-2015) को "हर शख़्स उमीदों का धुवां देख रहा है" (चर्चा-अंक 2167) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर पंक्तियाँ
ReplyDeleteLooking to publish Online Books, in Ebook and paperback version, publish book with best
ReplyDeletePrint on Demand India|Best Book Publisher India
निधि जी, आपके ब्लाॅग पर पठनीय और ज्ञानवर्द्धक लेख लिए बधाई। आपके ब्लाॅग को हमने यहां पर Best Hindi Blogs लिस्टेड किया है।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर पंक्ति
ReplyDeleteऐसे ही लिखते रहिये
www.rdshayri.com
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "भूली-बिसरी सी गलियाँ - 8 “ , मे आप के ब्लॉग को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' १५ जनवरी २०१८ को लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
ReplyDeleteआदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' १५ जनवरी २०१८ को लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
ReplyDeleteनिमंत्रण :
ReplyDeleteविशेष : आज 'सोमवार' १९ फरवरी २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच ऐसे ही एक व्यक्तित्व से आपका परिचय करवाने जा रहा है जो एक साहित्यिक पत्रिका 'साहित्य सुधा' के संपादक व स्वयं भी एक सशक्त लेखक के रूप में कई कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। वर्तमान में अपनी पत्रिका 'साहित्य सुधा' के माध्यम से नवोदित लेखकों को एक उचित मंच प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध हैं। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
निमंत्रण
ReplyDeleteविशेष : 'सोमवार' २६ फरवरी २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने सोमवारीय साप्ताहिक अंक में आदरणीय माड़भूषि रंगराज अयंगर जी से आपका परिचय करवाने जा रहा है।
अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।