तुमने काटी है कभी ..
एक स्याह रात ...तनहा .
वादा किया हो किसी ने
जब आने का रात में
और उसकी बाट जोहते जोहते
सूरज ने हटा दी हो अँधेरे की चादर
और समेट लिए हो सितारे
अपने आगोश में .
तुम्हारे आने का ,तुमसे मिलने का
बतियाने की उम्मीद का ...नशा
सारे नशों से ज़्यादा सर चढ के बोलता है .
इसी लिए आज सवेरे ...से
सर में दर्द है..आँखें जल रही हैं
तेरे साथ ,तेरी बात
और तेरे प्यार का,इंतज़ार का
यार...
हैंग ओवर है,मुझे .