ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Wednesday, July 11, 2012
कमबख्त प्यार
वो जो एक अजीब सी बेचैनी है न
इस कमबख्त प्यार में
जो न कायदे से जीने देती है न मरने....
वही शायद रास आती है,मुझे
लगता है कुछ अटक सा गया है हलक में
जो यह निकला तो जान लेकर निकलेगा .
इसी जीने मरने के बीच की कवायद में
मेरा इश्क से इश्क गहराता जाता है
गले में कोई फंदा सा है
जो कसता चला जाता है .
मज़े की बात यह है
कि जब ऐसा नहीं होता
तो कुछ भी अच्छा नहीं लगता.
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इश्क है ही ऐसी बला.............
ReplyDeleteसुन्दर रचना निधि जी.
अनु
खूबसूरत भी है ,बहुत.
ReplyDeleteओह ऐसा भी होता है ? बहुत खूब
ReplyDeleteजी संगीता जी ...ऐसा भी होता है .शुक्रिया,पसंद करने के लिए .
Deleteवाह ... क्या बात कही है
ReplyDeleteथैंक्स!!
Deleteसही कहा - कमबख्त प्यार
ReplyDeleteहोता है न...कमबख्त .
Deleteगहन भाव लिए ...बेहतरीन प्रस्तुति ...आभार
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद!!
Deleteन निगलते बने
ReplyDeleteन उगलते बने..
ऐसा ही है प्यार...
:-)
जी....ऐसा ही है प्यार ..है न ?
Deleteप्रेम की टीस...
ReplyDeleteप्रेम की पीड़ा,चुभन ऐसी ही होती है...
सहमति हेतु शुक्रिया!!
Deleteधन्यवाद!!
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत रचना आभार
ReplyDeleteधन्यवाद!!
Deleteअच्छा लिखा है।
ReplyDeleteपसंद करने के लिए,शुक्रिया
Deleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
थैंक्स!!
Deletemain to hamesha ye hi kehti hu nidhi ji ki aap jo likhti hain mere man ki awaaz lagti hai..har baar aap mjhe achambhit karti hain ki waakai kya itna match koi ho sakta hai..
ReplyDeleteश्रेया ..पता है ,मुझे वाकई बहुत अच्छा लगता है.. जब कोई यह कहता है कि मैंने उसकी बात लिख दी .मुझे महसूस होता है कि मेरा लिखा उसके ह्रदय तक उतरा और उसे छू गया .
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