ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Monday, May 28, 2012
हक
जिसे ,जब, जहां जाना है
चला जाए
अबकि,
रोकूंगी नहीं.
थक गयीं हूँ मनुहार करते-करते .
मुझे प्यार है ,तुमसे
तुम पास रहो यह चाहत है
तुम्हारी ज़रूरत है
केवल तुम्हारी आदत है.
उसका रत्ती भर भी अगर ..
...तुम महसूस करते हो
मेरे लिए .
तो ,मुझे पता है कि यहीं रहोगे
मेरे करीब,बहुत करीब.
तुम कहते हो
कोई तुम्हें प्यार नहीं करता ...
मेरे सिवा.
यह सच है कि
कोई और लड़की
भला तुमसे कैसे और क्यूँ प्यार करेगी ?
जब तक मैं हूँ
मेरी साँसों में सांस है
तुम्हें प्यार करने का हक
केवल मेरे पास है .
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बेहतरीन
ReplyDeleteसादर
यशवंत.....पसंद करने के लिए,धन्यवाद!!
Deleteनिधि जी,
ReplyDeleteबहुत बहुत दिनों के बाद आपके ब्लॉग मे आई हूँ। इसलिए आज चुपके से भागूंगी नहीं। यह भी जताने के लिए कि आप को आज मैं याद कर रही थी। :-) कैसे है आप?
और ये आपका हक जताना बहुत अच्छा लगा, क्यूंकि मुझे भी यही करने की आदत है।
वन्दना...याद करो तो जताना चाहिए...अगला अंतर्यामी नहीं होता.
Deleteवन्दना....अच्छा लगा,इतने दिनों बाद तुम्हें देख कर.
तुम्हारे ब्लॉग के बीच में बड़े चक्कर लगाए......याद पड़ रहा था कि चौराहा में एक कविता पढ़ी थी कुछ......वीर्यको लेकर ...वो तुम्हारी लेखनी से थी...बहुत ढूंढा...मिली नहीं.
हो सकता है किसी और की रही हो...मुझे ही गलत याद हो .
अगर ऐसा कुछ तुमने लिखा हो जो चौराहा पे कभी आया हो तो मुझे भेजना......किसी को पढ़वाना है.
नहीं मैंने तो ऐसा कुछ नहीं लिखा, शायद किसी और ने लिखा होगा। चलिये गलती से ही सही, ब्लॉग के चक्कर तो लगवा दिये मैंने। :-)
Delete:-)))
Deleteजब तक मैं हूँ
ReplyDeleteमेरी साँसों में सांस है
तुम्हें प्यार करने का हक
केवल मेरे पास है . बेहतरीन
आशा जी....शुक्रिया!!
Deleteजब तक मैं हूँ
ReplyDeleteमेरी साँसों में सांस है
तुम्हें प्यार करने का हक
केवल मेरे पास है .
बहुत बढ़िया प्रस्तुति,,,,,निधि जी
RECENT POST ,,,,, काव्यान्जलि ,,,,, ऐ हवा महक ले आ,,,,,
आभार!!
Deleteजो प्यार करता है वो जा नहीं सकता.......................
ReplyDeleteसुंदर निधि जी...
तहे दिल से शुक्रिया!!
Deletebhaut bhaut acchi aur pyari rachna.....
ReplyDeleteप्यारे-प्यारे,अच्छे-अच्छे कमेन्ट के लिए,थैंक्स!!
Deleteजब तक मैं हूँ
ReplyDeleteमेरी साँसों में सांस है
तुम्हें प्यार करने का हक
केवल मेरे पास है .
बहुत सुन्दर...
हार्दिक धन्यवाद!!
Deleteजिसे ,जब, जहां जाना है
ReplyDeleteचला जाए
अबकि,
रोकूंगी नहीं.
थक गयीं हूँ मनुहार करते-करते .बहुत प्यारी नाराज़गी
इस नाराजगी को भी पसंद किया,आपने.
DeleteBeautiful composition.I loved the representation and the flow of expression.
ReplyDeleteKeep it up Nidhi ji :)
भाव प्रवाह आपको अच्छा लगा....धन्यवाद!!
Deleteबहुत अच्छी रचना...अधिकार पूर्ण ढंग से रची गयी..
ReplyDeleteनीरज
सराहने के लिए....शुक्रिया!!
Deleteजब तक मैं हूँ
ReplyDeleteमेरी साँसों में सांस है
तुम्हें प्यार करने का हक
केवल मेरे पास है .
.
बहुत पॉजेसिव हो.
.
क्या यह मेरापन
उतना ही मेरा है
जितना उसका मेरा
क्या उसके मेरेपन में भी
मैं उतनी ही हूं
जितना वह मेरे मेरेपन में
.
यदि हां
तो प्रेम संपूर्ण हुआ
मुक्त हुआ
.
पॉजेसिवनेस सार्थक हुई.
.
.
.
बहुत सही कहा,आपने. अंदाज़े बयान भी बहुत अच्छा है..
Deleteअच्छा हक जताया आपने !!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति !
थैंक्स!
Delete