ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Wednesday, May 16, 2012
प्रेम से खूबसूरत कुछ......नाह रे.
प्रेम को जब तक देखते हैं
दूर से ...
बहुत खूबसूरत और प्यारा लगता है ..हैं न ?!
जब यह घटित हो जाता है
अपने जीवन में
तब, समझ आता है कि
क्यूँ लोग कहते थे ...
किसी को बद्दुआ देनी हो तो कह दो
उसे इश्क हो जाए.
कितनी मुश्किल है हर राह ,हर गली इसकी
कितने दर्द हैं और कितने आंसू.?
कितनी यादें हैं न जाने कितनी फरियादें हैं..
अच्छा कुछ नहीं है क्या, इसमें?
तुमने पहले ही पूछ लिया
वो...जो मैं कहने जा रही थी
कितनी भी परेशानियां हो
या कितनी भी तकलीफें
जिसको एक बार हुआ
वो कहेगा यही....
इससे खूबसूरत दुनिया में
सच्ची कुछ भी नहीं...
सच्ची-मुच्ची ....कसम से.
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प्रेम,इश्क,मुहब्त सचमुच इससे खूबसुरत अहसास दुनिया में और कोई नहीं है। यह जब होता है तो दिल...बस कहीं और ही होता है!!!
ReplyDeleteसच...प्यार से प्यारा कुछ नहीं.
Deleteपुनश्च: इसके आंसूओं की खुश्बू का तो कहना ही क्या???
ReplyDeleteआंसुओं की खुशबू....वाह!!
Deleteनिधि, प्रेम तो प्रार्थना की खुशबू और खुदा की इबादत है. कैसे हम प्रेम में उस खुदा को ही भूल जाते है, खुदा के पहले उसका नाम हमारी साँसों में शिरकत करता है, हर पल हर क्षण...ता उम्र! यही प्रेम है.
ReplyDeleteबद्दुआ नहीं, खुदा की नेमत है जो एक बार करे वो जिंदगी भर मुस्कुरा कर दिल में खुदा के लिए और इज्जत भर कर जीता है.
तुम बात नहीं समझीं ,शायद.....मैंने यह कहा कि ..अगर किसी को कभी बद्दुआ देनी हो तो इससे खूबसूरत सज़ा कोई नहीं है कि उसे प्यार हो जाए....प्यार खूबसूरत है..खुदा की नेमत है..पर उसके साथ ही साथ उसमें दर्द हैं..आंसू भी हैं .
Deletemei samjhi hu Nidhi...Ishq ka dard ishq sa hi sundar hai.
Deleteयकीनन..प्यार के सारे दर्द...सब आंसू...बेहद खूबसूरत हैं...
Deleteवो सब भी प्यार से ही प्यारे हैं.
जब यह घटित हो जाता है
ReplyDeleteअपने जीवन में
तब, समझ आता है कि
क्यूँ लोग कहते थे ...
किसी को बद्दुआ देनी हो तो कह दो
उसे इश्क हो जाए..
लोग दुआ के रूप में बददुआ दे देते हैं चुपके से.....इसी तरह....!!
पूनम......दुआ के रूप में बद्दुआ .
Deleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 17 -05-2012 को यहाँ भी है
ReplyDelete.... आज की नयी पुरानी हलचल में ....ज़िंदगी मासूम ही सही .
आपका बहुत-बहुत आभार!!
Deletehahaha.. bahut achhi kavita.. mazaa aa gaya... sacchi mucchi, kasam se!! :)
ReplyDeleteशुक्रिया!!
Deleteयह बद्दुआ ही असल ज़िन्दगी का पाठ्यक्रम है ...
ReplyDeleteजी...ठीक कहा .
Deleteइसमे क्या शक है इससे सुन्दर कुछ नही।
ReplyDeleteकोई शक नहीं....
Deleteवाह ...बहुत खूब।
ReplyDeleteथैंक्स!!
Deleteउफ्फ्फ्फ़ ...बड़ा दुःख दियों इस प्रेम ने ...
ReplyDeleteसच्ची ....बहुत दुःख हैं...बड़े दर्द हैं.....
Deleteहर एक पंक्तियाँ अद्भुत सुन्दर है जिसे आपने बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत किया है!
ReplyDeleteथैंक्स!!
Deleteकिसी को बद्दुआ देनी हो तो कह दो
ReplyDeleteउसे इश्क हो जाए.....
ओह! इस दुनिया में किसी को इश्क ना हौवे मौला....
सुंदर रचना...
सादर
जी.....इस दुनिया में किसी को इश्क ना हौवे मौला.... शुक्रिया!!
Deleteप्रेम को सच्ची तस्वीर बताती प्रेरक रचना
ReplyDeleteआसां नहीं है डगर पनघट की ..
बहुत कठिन है..........
Deleteजीवन में जिसने प्रेम पाया वह संतोष के साथ भाव-स्तर पर जीवन व्यतीत करता है। उसके कथनी-करनी में अन्तर नहीं होता और वह निरन्तर सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ता है।
ReplyDeleteआपसे सहमत हूँ....
Deleteप्रेम एक ऐसी मीठी कशक है जिस से उम्र भर छुटकारा नहीं चाहते...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteधन्यवाद!!
Deleteअच्छा चित्रण किया है आप ने...सुन्दर प्रस्तुति... बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteप्रसन्न जी....बहुत आभार!!
Deleteप्यार की खुबसूरत अभिवयक्ति....
ReplyDeleteसुषमा .....थैंक्स !!
Delete:-) निश्चल भावना मे डूबी हुई और सरल शब्दों में लिखी हुई हमेशा मन को छूती है।
ReplyDeleteबस अपना लिखा मन को छूता रहे...यह काफी है.
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