ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Sunday, February 24, 2013
हैंग ओवर
तुमने काटी है कभी ..
एक स्याह रात ...तनहा .
वादा किया हो किसी ने
जब आने का रात में
और उसकी बाट जोहते जोहते
सूरज ने हटा दी हो अँधेरे की चादर
और समेट लिए हो सितारे
अपने आगोश में .
तुम्हारे आने का ,तुमसे मिलने का
बतियाने की उम्मीद का ...नशा
सारे नशों से ज़्यादा सर चढ के बोलता है .
इसी लिए आज सवेरे ...से
सर में दर्द है..आँखें जल रही हैं
तेरे साथ ,तेरी बात
और तेरे प्यार का,इंतज़ार का
यार...
हैंग ओवर है,मुझे .
Thursday, February 21, 2013
खारापन
ज़िंदगी में से मिठास कहीं खो गयी है
हर ओर बस..तल्खियां ही तल्खियां हैं
तेरी-मेरी कुछ मजबूरियां है ...
साथ रहती केवल तनहाईयाँ हैं
गुज़रना चाहती हूँ ...महसूस करना चाहती हूँ
चखना चाहती हूँ
जीवन का हरेक स्वाद .
पर ...आजकल कोई ज़ायका
समझ में नहीं आता
खारेपन के अलावा .
क्या करूँ ???
तेरी आँख के
उस आंसू का खारापन
जाता ही नहीं ज़ुबां से
Sunday, February 17, 2013
हवा से
ज़िंदगी...
करीब महसूस होती है
जब तुम पास होते हो
सांस लेती है.....
जब तुम नज़दीक होते हो
क्यूँ इतना दूर चले जाते हो
कि बुलाऊं तो
आवाज़ लौट आती है
हाथ बढ़ाऊँ तो
खाली हथेली लौट आती है
हवा से हो जाओ न ,तुम
तुम दिखो या न दिखो
मेरे इर्द गिर्द रहो
हमेशा ,
महसूस होते रहो.
तुम ज़रूरी हो ..मेरे लिए
ओक्सीज़न की तरह ...
Sunday, February 10, 2013
मूड खराब ..
तुम्हें ज़रा सा भी अंदाज़ा है क्या
कि जब तुम यूँ उदास होते हो
मेरा क्या हाल होता है
तुम्हें उस दुःख की खाई से
बाहर निकालने की हर कोशिश
जब नाकाम होने लगती
तुम्हें ज़रा सा भी अंदाजा है
मेरे पाँव भी फिसलने लगते हैं
उसी खाई की ओर .
तुम्हारी एक मुस्कान के लिए
किये गए सारे जतन
जब बेकार साबित होने लगते हैं
तुम्हें ज़रा सा भी अंदाज़ा है
कि तब अक्सर मेरी हिम्मत भी
जवाब देने लगती है .
तुम्हारे उस मन को वापस ट्रैक पे
लाने के लिए
ऑफ हुए तुम्हारे मूड को फिर से
ठीक करने के लिए
तुम्हें ज़रा सा भी अंदाजा है
अपनी हर तकलीफ किनारे रख
मुझे अपना मूड अच्छा रखने के लिए
कितनी मेहनत करनी पड़ती है .
यूँ भी ......
हम दोनों एक साथ
मूड नहीं खराब कर सकते हैं
तुम्हारी हर बात से,हर चीज़ से,हर मूड से
तुम्हारे सुख से,तुम्हारे दुःख से
मुझे फर्क पड़ता है
क्यूंकि उसी से
मेरा मूड,मेरा रवैया तय होता है .
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