उसने चूमा मुझे
एक कली सी खिलने लगी
मेरे अंदर...
उस कली से फूल बनने के इंतज़ार में हूँ,मैं .
उसने चूमा मुझे
एक खुमारी सी चढ़ने लगी
मुझ पर...
उस खुमारी के नशा बनने के इंतज़ार में हूँ ,मैं .
उसने चूमा मुझे
कितने रंग आ गए
मन के आकाश पर ...
उन रंगों से इन्द्रधनुष बनने के इंतज़ार में हूँ,मैं .
उसने चूमा मुझे
एक बूंद सी रिसने लगी प्यार की
मेरे भीतर ...
उस बूंद से सागर बनने के इंतज़ार में हूँ,मैं
उसने चूमा मुझे
एक चिंगारी सी सुलगने लगी
मेरे बाहर-अंदर ...
उस चिंगारी के आग बनने के इंतज़ार में हूँ,मैं
अब...इंतज़ार में हूँ मैं ......बस .
बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteआभार !
ReplyDeleteवाह वाह ...बहुत खूब ....एक प्रेमिका के दिल के भावों को शब्द दे दिए आपने
ReplyDelete:)
Deleteवाह |||
ReplyDeleteबहुत सुन्दर , प्रेमपूर्ण रचना....
:-)
शुक्रिया!
Deleteएक चुम्बन का प्रभाव अक अनूठी अभिव्यकि ,गहरा अहसास !
ReplyDeleteअनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
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हमेशा की तरह बेहद ख़ूबसूरत ........बहुत बहुत बधाई!
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