Sunday, May 12, 2013

उसने चूमा मुझे ...........



उसने चूमा मुझे
एक कली सी खिलने लगी
मेरे अंदर...
उस कली से फूल बनने के इंतज़ार में हूँ,मैं .

उसने चूमा मुझे
एक खुमारी  सी  चढ़ने लगी
मुझ पर...
उस खुमारी के नशा बनने के इंतज़ार में हूँ ,मैं .

उसने चूमा मुझे
कितने रंग आ गए
मन के आकाश पर ...
उन रंगों से इन्द्रधनुष बनने के इंतज़ार में हूँ,मैं .

उसने चूमा मुझे
एक बूंद सी रिसने लगी प्यार की
मेरे भीतर ...
उस बूंद से सागर बनने के इंतज़ार में हूँ,मैं

उसने चूमा मुझे
एक चिंगारी सी सुलगने लगी
मेरे बाहर-अंदर ...
उस चिंगारी के आग बनने के इंतज़ार में हूँ,मैं

अब...इंतज़ार में हूँ मैं ......बस .

8 comments:

  1. वाह वाह ...बहुत खूब ....एक प्रेमिका के दिल के भावों को शब्द दे दिए आपने

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  2. वाह |||
    बहुत सुन्दर , प्रेमपूर्ण रचना....
    :-)

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  3. एक चुम्बन का प्रभाव अक अनूठी अभिव्यकि ,गहरा अहसास !
    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    latest post: बादल तू जल्दी आना रे!
    latest postअनुभूति : विविधा

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  4. हमेशा की तरह बेहद ख़ूबसूरत ........बहुत बहुत बधाई!

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टिप्पणिओं के इंतज़ार में ..................

सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

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