ज़िन्दगी एक किताब सी है,जिसमें ढेरों किस्से-कहानियां हैं ............. इस किताब के कुछ पन्ने आंसुओं से भीगे हैं तो कुछ में,ख़ुशी मुस्कुराती है. ............प्यार है,गुस्सा है ,रूठना-मनाना है ,सुख-दुःख हैं,ख्वाब हैं,हकीकत भी है ...............हम सबके जीवन की किताब के पन्नों पर लिखी कुछ अनछुई इबारतों को पढने और अनकहे पहलुओं को समझने की एक कोशिश है ...............ज़िन्दगीनामा
Thursday, August 2, 2012
राखी
याद ही होगा तुम्हें भी
जब साथ होने की
कोई अहमियत न थी .
राखी ...आती थी
और ले आती थी
अपने साथ
शर्तें,फरमाइशें
यह देना वो देना ..
इतने रुपयों से कम दोगे
तो राखी नहीं बांधेंगे .
वक़्त बदलता है
एक सा कब रहता है
आज ...दूर हैं
राखी खुद बाँध लोगे
गिफ्ट भी भिजवा दोगे
पर,मन होता है
कुछ न देते
पर पास होते
साथ होते .
मन का चाहा...कब होता है
खैर छोडो ......
दूर सही
पर दुआओं में हमेशा रहोगे...............पास .
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भावमय करती प्रस्तुति ...
ReplyDeleteआपको इस स्नेहिल पर्व की अनंत मंगल कामनाएं
धन्यवाद!!
Deleteबहुत सुन्दर ,,
ReplyDeleteदूर हो या पास हो दुआ हमेशा साथ रहती है...
:-)
जी हाँ...दुआओं में अपने हमेशा पास रहते हैं.
Deleteबेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteआभार!!
Deleteरक्षाबँधन की हार्दिक शुभकामनाए,,,
ReplyDeleteRECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,
आपको भी.....धन्यवाद !!
Deleteराखी...इस कच्चे धागे से जुड़ी कितनी ही यादें हमारे जहन में हैं...बचपन से लेकर आज जब हम अलग-अलग शहरों में रह रहें हैं...इस दौरान कितना समय गुजरा है...और समय के साथ कितना कुछ बदला है...लेकिन नहीं बदला तो दुआ का वो सिलसिला...ये दुआ ही तो है जो हमें जोड़े है...
ReplyDeleteदुआओं का सिलसिला कभी थमता नहीं है...
Deleteअपने ,उसमें हमेशा शामिल रहते हैं.
भाई बहन को जोड़ता पर्व , बहन की दुआएं , भाई का साथ - अनोखा है
ReplyDeleteजी ,बिलकुल.
Deleteदूर सही
ReplyDeleteपर दुआओं में हमेशा रहोगे...............पास .
बस इतना ही काफी है....
दूर हो के भी पास तो है...
वर्ना लोग पास हो कर भी दूर रहते हैं...!
जी जीने के लिए इतना बहुत है कि पास रहें किसी के ..हमेशा ,चाहें दुआओं में ही सही
Deleteखूबसूरत एहसास
ReplyDeleteशुक्रिया!!
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